Ransomware Attack Safety Tips: रैनसमवेयर अटैक आजकल हैकर्स के बीच काफी लोकप्रिय है क्योंकि इससे वो लोगों को डरा धमकाकर पैसे ऐंठते हैं. इस तरह के अटैक में लोगों का निजी डाटा या सिस्टम ब्लॉक कर दिया जाता है या फिर डाटा को पब्लिश करने की धमकी दी जाती है. ऐसा न करने के लिए लोगों से फिरौती मांगी जाती है. लोग डाटा पब्लिक होने के डर से पैसों की डिमांड पूरी कर देते हैं.
हालांकि, ऐसा करना भी खतरनाक हो सकता है. अगर पैसे लेकर भी अटैकर्स ने आपके सिस्टम या डाटा का एक्सेस पूरा नहीं किया तो? ऐसे में आपको इस तरह के रैनसमवेयर अटैक से कैसे बचना है, ये हम आपको यहां बता रहे हैं.
स्पैम मैसेजेज या अननोन वेबसाइटों पर दिए गए लिंक पर क्लिक करने से बचें. अगर आप इस तरह के लिंक पर क्लिक करते हैं तो आपको डाटा ऑटोमैटिकल डाउनलोड होना शुरू हो जाता है. इससे कंप्यूटर में मैलवेयर भी घुस सकता है.
अगर आपको किसी अविश्वसनीय सोर्स से कॉल या मैसेज आता है और आपसे आपकी निजी जानकारी मांगी जाती है तो आप इस तरह के मैसेज का जवाब नहीं देना है. रैनसमवेयर अटैक के जरिए अटैकर इस तरह से भी आपकी जानकारी चुराते हैं और फिर आपको ब्लैकमेल करते हैं. तो आपको निजी जानकारी कभी किसी को नहीं देनी हो.
रैनसमवेयर ईमेल अटैचमेंट के जरिए भी अटैकर आपके डिवाइस तक पहुंच सकता है. किसी भी संदिग्ध दिखने वाले अटैचमेंट को खोलने से बचें. यह सुनिश्चित करने के लिए कि ईमेल विश्वसनीय सोर्स से आया है, भेजने वाले का एड्रेस सही से पढ़ें. कभी भी ऐसे अटैचमेंट न खोलें जो आपको उन्हें देखने के लिए मैक्रो चलाने के लिए कहते हैं. अगर अटैचमेंट मैलवेयर से रहित है तो इसे खोलने पर एक मैलिशस मैक्रो चलेगा जो मैलवेयर को आपके कंप्यूटर का कंट्रोल देता है.
अगर आपके पास कहीं से यूएसबी स्टिक या स्टोरेज मीडिया आई है तो आपको उसे अपने कंप्यूटर से कभी भी कनेक्ट नहीं करना है. साइबर क्रिमिनल्स इस तरह से भी स्टोरेज को अटैक कर सकते हैं.
अपने सिस्टम को हमेशा अप टू डेट रखें. इससे किसी भी तरह से मैलवेयर से बचने में मदद मिलती है. सिस्टम अपडेट करते समय, सुनिश्चित करें कि आप लेटेस्ट सिक्योरिटी पैच को ही इंस्टॉल कर रहे हों. ऐसा करने पर साइबर क्रिमिनल्स के लिए आपके प्रोग्राम में मौजूद खामियों का फायदा उठाना मुश्किल हो जाता है.
रैनसमवेयर डाउनलोड करने के जोखिम को कम करने के लिए, कभी भी अननोन साइट से सॉफ्टवेयर या मीडिया फाइलें डाउनलोड न करें. इस तरह का कुछ भी डाउनलोड करने के लिए वेरिफाई और भरोसेमंद साइटों पर ही भरोसा करें. इस तरह की वेबसाइटों को ट्रस्ट सील द्वारा पहचाना जा सकता है. आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप जिस पेज पर जा रहे हैं, उसके ब्राउजर एड्रेस बार में "http" के बजाय "https" का इस्तेमाल किया गया होगा. साथ ही एड्रेस बार में एक शील्ड या लॉक सिंबल भी हो.
पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क का इस्तेमाल सावधानी से करें. इस तरह के नेटवर्क पर हैकर्स की ज्यादा नजर रहती है क्योंकि फ्री देखते ही लोग इस तरह के नेटवर्क से कनेक्ट करने लग जाते हैं. एक बार जब यूजर ऐसे नेटवर्क से अपनी डिवाइस को कनेक्ट करते हैं तो हैकर्स उनकी डिवाइस में मैलवेयर भेज देता है. ऐसे में सुरक्षित रहने के लिए, VPN सर्विस का इस्तेमाल करें.