जम्मू-कश्मीर में देश की सेवा कर रहे सैनिक दिनेश चंद्र के डेढ़ साल के बेटे की मौत ने उत्तराखंड के हेल्थ सिस्टम की बड़ी खामियों को उजागर कर दिया है. सिस्टम की लापरवाही ने मासूम शुभांशु की जान ले ली, जिसे इलाज के लिए गढ़वाल-कुमाऊं के पांच अस्पतालों में रेफर किया गया लेकिन कहीं भी समुचित इलाज नहीं मिला.
दिनेश चंद्र मूल रूप से चमोली जिले के चिडंगा गांव के निवासी हैं और इन दिनों जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं. 10 जुलाई को उनके बेटे शुभांशु की अचानक तबीयत बिगड़ गई. मां उसे लेकर सबसे पहले ग्वालदम अस्पताल पहुंचीं, लेकिन वहां इलाज न मिलने पर बैजनाथ भेजा गया. फिर बारी-बारी से बागेश्वर, अल्मोड़ा और अंत में हल्द्वानी रेफर किया गया.
बागेश्वर जिला अस्पताल में शाम छह बजे बच्चे को भर्ती किया गया, लेकिन हालत गंभीर बताकर वहां से भी उसे हायर सेंटर भेज दिया गया. इस बीच परिजनों ने 108 एंबुलेंस के लिए कॉल किया, लेकिन काफी देर तक सिर्फ आश्वासन मिलता रहा. एक घंटे से ज्यादा इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची. मजबूर होकर दिनेश ने खुद डीएम को फोन किया, जिसके बाद रात साढ़े नौ बजे एंबुलेंस मुहैया कराई गई.
शुभांशु को पहले अल्मोड़ा, फिर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बेटे की मौत के बाद सैनिक दिनेश चंद्र ने सोशल मीडिया पर एक मार्मिक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने पूरे घटनाक्रम और सिस्टम की बेरुखी को उजागर किया.
उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं ने ली एक मासूम की जान।
— bhUpi Panwar (@askbhupi) July 29, 2025
थराली के चिड़िगा मल्ला निवासी भारतीय सेना के जवान दिनेश चन्द्र जोशी के एक वर्षीय पुत्र की मौत, समय पर इलाज न मिलने की वजह से हो गई। pic.twitter.com/BXGDHtNMmr
वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया है. 108 एंबुलेंस सेवा के प्रभारी को नोटिस जारी किया गया है और सेवा सुधारने के निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश तो दिए हैं, लेकिन दुख की घड़ी में दिनेश चंद्र और उनके परिवार का कहना है कि अब किसी कार्रवाई या जांच का कोई मतलब नहीं, क्योंकि उनका चिराग बुझ चुका है.