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Nainital School Result: नैनीताल के सरकारी स्कूल ने दिया बड़ा झटका, कक्षा 10 में एक ही छात्र सबमें फेल; शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

Nainital School Result: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भद्राकोट का 10वीं का परिणाम शून्य प्रतिशत रहा, जबकि स्कूल में सात शिक्षक और कम छात्र संख्या है.

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Edited By: Anvi Shukla
Nainital School Result
Courtesy: social media

Nainital School Result: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लॉक स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भद्राकोट, इन दिनों शिक्षा की गिरती स्थिति को लेकर सुर्खियों में है. कारण है – इस स्कूल का कक्षा 10वीं का शून्य प्रतिशत परीक्षा परिणाम. इस साल बोर्ड परीक्षा में स्कूल का केवल एक ही छात्र उपस्थित हुआ और वह सभी विषयों में अनुत्तीर्ण हो गया. यह राज्य का इकलौता सरकारी स्कूल है जहां 10वीं में परिणाम पूरी तरह शून्य रहा.

हैरान करने वाले बात यह है कि इस स्कूल में पढ़ाने के लिए सात शिक्षक नियुक्त हैं, जबकि छात्र संख्या बेहद कम है. कला, गणित, विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों को पढ़ाने के लिए शिक्षक नियुक्त किए गए हैं. हाल ही में कला विषय के शिक्षक का तबादला किसी अन्य विद्यालय में हुआ है.

प्रशासन ने जताई चिंता, जांच के आदेश

इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. नैनीताल के मुख्य शिक्षा अधिकारी गोविंद जैसवाल ने कहा कि वह इस मामले की जांच करेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे. शून्य प्रतिशत परिणाम ने स्कूल प्रशासन और शिक्षकों की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं. शिक्षा अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में स्कूल की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.

पिछले सत्र में कुल 7 छात्र थे दर्ज

शिक्षा-वर्ष 2023-24 में इस स्कूल में केवल 7 बच्चे थे. कक्षा 6 और 7 में दो-दो छात्र थे, जबकि वहीं कक्षा 8, 9 और 10 में एक-एक छात्र थे. छात्रों की संख्या लगातार घट रही है और परीक्षा परिणाम भी खराब हैं. इससे स्कूल की स्थिति पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. कम छात्र संख्या और खराब परिणाम स्कूल के भविष्य के लिए चिंता का विषय हैं. इन समस्याओं का समाधान निकालना अब बहुत जरूरी हो गया है.

ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था पर गहराया संकट

भद्राकोट जैसे ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. जहां शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है, वहीं छात्रों की उपस्थिति और शैक्षणिक प्रदर्शन बेहद चिंताजनक है. यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था के पुनरावलोकन की भी मांग करती है.

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