menu-icon
India Daily

नेपाल के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी से की मुलाकात

मुख्यमंत्री धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बातचीत का विवरण साझा करते हुए कहा कि नेपाल के सुदूर पश्चिमी प्रांत के माननीय मुख्यमंत्री श्री कमल बहादुर शाह ने सरकारी आवास पर सम्मानित मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात की.

auth-image
Edited By: Gyanendra Sharma
Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami
Courtesy: Social Media

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ देहरादून में मुलाकात की. नेपाल के सुदूर पश्चिमी प्रांत के मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह के नेतृत्व में नेपाल के विदेश मंत्री ने शनिवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की. अधिकारियों ने बताया कि बैठक में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और पड़ोसी क्षेत्रों के बीच संबंधों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया.

मुख्यमंत्री धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बातचीत का विवरण साझा करते हुए कहा कि नेपाल के सुदूर पश्चिमी प्रांत के माननीय मुख्यमंत्री श्री कमल बहादुर शाह ने सरकारी आवास पर सम्मानित मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात की. इस अवसर पर उनके साथ भारत और नेपाल से जुड़े विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर चर्चा हुई.

दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों के बारे में बात करते  हुए धामी ने आगे कहा, सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से भारत और नेपाल के लोगों में गहरी समानता है . दोनों देशों की परंपराओं, रीति-रिवाजों, भाषा, खान-पान और रहन-सहन में कई समानताएं हैं, जो वर्षों से आपसी संबंध और विश्वास को मजबूत करती रही हैं. यही वजह है कि भारत और नेपाल के संबंध सिर्फ राजनीतिक या भौगोलिक ही नहीं हैं, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से भी गहराई से जुड़े हुए हैं.

इससे पहले सीएम धामी केदारनाथ धाम के कपाट उद्घाटन समारोह में भी शामिल हुए. सीएम धामी ने केदारनाथ परिसर में आयोजित मुख्य सेवक भंडारे में  प्रसाद भी वितरित किया. उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ कपाट 4 मई को खुलने वाला है. हम देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है. राज्य सरकार हर स्तर पर तीर्थयात्रा की निगरानी करेगी. तीर्थयात्रा मार्गों पर विभिन्न बुनियादी सुविधाएं भी स्थापित की गई हैं. चार धाम यात्रा राज्य की जीवन रेखा भी है. यह तीर्थयात्रा लाखों लोगों की आजीविका का साधन है.

सम्बंधित खबर