Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेशके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हर वह कर्म जो समाज, राष्ट्र, धर्म के लिए अनुकूल होगा, वह व्यक्ति के लिए भी अनुकूल होगा. उन्होंने कहा कि भारत की 'ऋषि परंपरा' जनता और राष्ट्र के कल्याण के लिए है...ऋषि परंपरा हमें कभी जाति, रंग में नहीं बांटती...यह हमें समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए कदम उठाने की प्रेरणा देती है...हमारे जीवन का हर पल सनातन धर्म और राष्ट्र के लिए समर्पित होना चाहिए.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर परिसर में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां उन्होंने ये बातें कही.
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath attends a program on the occasion of Guru Purnima in the premises of Goraknath temple in Gorakhpur. pic.twitter.com/ZKgjQyOpWL
— ANI (@ANI) July 21, 2024Also Read
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इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर मंदिर में रुद्राभिषेक किया और नाथपंथ के योगियों की समाधिस्थल और अन्य मंदिरों में जाकर पूजा की. उन्होंने पूजा के दौरान देशवासियों समेत प्रदेश वासियों के कल्याण की कामना की. साथ ही अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ को भी याद कर उनका आशीर्वाद लिया.
गोरक्षपीठ और नाथपंथ में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. मुख्यमंत्री बनने के बाद भी योगी आदित्यनाथ हर साल गुरु पूर्णिमा के मौके पर यहां आते हैं और अपने गोरक्षपीठाधीश्वर के कर्तव्यों को निभाते हैं. गुरु पूर्णिमा भारत के साथ-साथ नेपाल और भूटान में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. दरअसल, ये दिन गुरुओं को समर्पित है. इस दिन लोग अपने गुरुओं से आशीर्वाद लेते हैं.
गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि माना जाता है कि आज के ही दिन ऋषि व्यास का जन्म हुआ था. ऋषि व्यास ने महाभारत के साथ-साथ वेदों और पुराणों की रचना की थी. माना जाता है कि आज के दिन ऊं बृं बृहस्पतये नम: का 108 जाप करने से कुंडली में गुरु की स्थित मजबूत होती है. इसका जाप करने और कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है.