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'घर जाओ, रोटियां बनाओ...' , प्रोफेसर ने छात्रा की सरेआम की बेइज्जती, दोस्त का सनसनीखेज खुलासा

शारदा विश्वविद्यालय के दंत चिकित्सा विभाग में पढ़ने वाली छात्रा ज्योति झांगड़ा की आत्महत्या के बाद विभाग में फैले मानसिक उत्पीड़न और अपमानजनक माहौल का खुलासा हुआ है. ज्योति की कई सहपाठियों ने बताया कि दो प्रोफेसर लगातार छात्रों को अपमानित करते थे.

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Edited By: Yogita Tyagi
Student commits suicide in Sharda University

शारदा विश्वविद्यालय के दंत चिकित्सा विभाग में छात्रा ज्योति झांगड़ा की आत्महत्या के बाद जो सच सामने आया है, उसने पूरे एजुकेशन सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं. ज्योति के कई बैचमेट्स ने आरोप लगाए कि डिपार्टमेंट में बहुत ज्यादा टॉक्सिक कल्चर है, जहां स्टूडेंट्स का अपमान और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करना आम बात बन चुकी है.

इस दौरान छात्राओं ने बताया कि दो प्रोफेसरों, जिन दोनों का नाम ज्योति ने भी  अपने सुसाइड नोट में लिया है, उनका रवैया बेहद अपमानजनक था. एक छात्रा ने बताया, 'मेरे प्रोजेक्ट में कुछ मामूली गलती थी, तो प्रोफेसर ने कहा, ‘तुमसे नहीं होगा, घर जाकर रोटियाँ बनाओ.’ ये बहुत ही शर्मनाक था.' एक और छात्रा ने कहा कि एक बार प्रोफेसर ने गुस्से में कहा, 'चप्पल से मारूँगी.'

सबके सामने अपमान करना है आम 

छात्रों का कहना है कि वाइवा के दौरान भी जवाब गलत होने पर प्रोफेसरों की फटकार का डर बना रहता है. न्यूज़ वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए एक छात्रा ने बताया, 'मैं दिल्ली में रहती हूँ लेकिन सिर्फ डांट पड़ने और प्रेजेंट न दिखने के डर से घर नहीं जाती पाती.' दूसरे साल की एक और छात्रा ने कहा, 'यहाँ पर्सनल कमैंट्स और सबके सामने अपमान करना आम हो गया है. हम पढ़ाई का प्रेशर झेल लेते हैं, लेकिन मानसिक प्रताड़ना से टूट जाते हैं. हमारी सुनने वाला कोई नहीं है.”

मानसिक दबाव में स्टूडेंट्स 

ज्योति की मौत से पहले, उसके पिता को यूनिवर्सिटी बुलाया गया था. एक सहपाठी ने बताया कि उसी दिन एक प्रोफेसर ने ज्योति से कहा कि वह परीक्षा में फेल हो जाएगी. यही नहीं, उस पर डेन्चर प्रोजेक्ट में फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप भी लगाया गया और प्रोजेक्ट पर साइन करने से इनकार कर दिया गया. ज्योति की क्लासमेट ने कहा, 'ज्योति अकेली नहीं थी, हम सब इस मानसिक दबाव से गुजर रहे हैं. लेकिन उसने अकेले इससे लड़ने की कोशिश की और वो लड़ाई हार गई.'

छात्राओं ने लगाया आरोप 

छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि कई बार प्रोफेसर सबके सामने प्रोजेक्ट फाड़ देते हैं या फेंक देते हैं. एक इंटर्न छात्रा ने बताया, 'मैंने एक ही प्रोजेक्ट दो बार दिया. पहली बार रिजेक्ट किया, दूसरी बार बिना बदले पास कर दिया. इससे साफ था कि पहली बार जानबूझकर तंग किया गया.' 

विश्वविद्यालय प्रशासन ने दी सफाई 

हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि छात्रों के लिए एक आंतरिक शिकायत समिति मौजूद है. शारदा विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. अजीत कुमार ने कहा, 'हम छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं. जो भी छात्र अन्याय महसूस करता है, वह इस समिति से संपर्क कर सकता है. जांच पूरी होने के बाद पूरा मामला साफ होगा.' फिलहाल, जिन दो प्रोफेसरों का नाम सामने आया है, उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और जांच जारी है.

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