Rajya Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की सियासत पर पूरे देश की निगाह टिकी होती है, क्योंकि यहां कभी भी कुछ भी हो सकता है. ताजा घटनाक्रम राज्यसभा चुनाव को लेकर सामने आया है. हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने के बाद भी राजा भैया ने खेल कर दिया है. रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया कल यानी मंगलवार को होने वाले राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार के लिए वोट करेंगे. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले ये सपा के लिए झटका हो सकता है.
मतदान में 11 उम्मीदवार हैं, भाजपा से 8 और सपा से 3 उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए दौड़ में हैं. इनमें से भाजपा के सात और सपा के दो उम्मीदवारों का निर्विरोध जीतना तय है, लेकिन बीजेपी ने आठवां उम्मीदवार उतारकर सपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल (लोक तांत्रिक) के पास उनके समेत दो वोट हैं. इसको लेकर अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी दोनों ने राजा भैया से मुलाकात की. भूपेंद्र चौधरी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) श्रवण बघेल ने भी राजा भैया से मुलाकात है.
राज्यसभा के लिए वोटिंग से एक दिन पहले सपा और सीएम योगी की ओर से राजा भैया व उनके विधायकों को रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया, जो आठवें राज्यसभा उम्मीदवार के लिए मतदान करेंगे. बातचीत के दौरान राजा भैया ने कौशांबी लोकसभा क्षेत्र में अपने पसंदीदा उम्मीदवार शैलेंद्र कुमार को समर्थन देने का प्रस्ताव रखा. सूत्रों का कहना है कि दोनों पार्टियां इस पर सहमत हो गईं, जिसके बाद उन्होंने एक और सीट मांगी. इस पर कोई भी राजी नहीं हुआ.
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक टीम 2013 में डिप्टी एसपी जिया-उल-हक की हत्या में भैया और उनके चार सहयोगियों की भूमिका की दोबारा जांच करने के लिए प्रतापगढ़ के कुंडा पहुंची थी. माना जा रहा है कि मंगलवार को उनके और उनकी पार्टी के विधायक जिस तरह से मतदान करेंगे, उससे ही इस मामले में आगे की भूमिका तय होगी.
उधर, कुंडा के किसी कद्दावर नेता की ओर से सपा को मिली यह पहली नाराजगी नहीं है. साल 2018 के राज्यसभा चुनाव में सपा के पक्ष में होने के बावजूद राजा भैया ने भीमराव अंबेडकर जो बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार थे और सपा उन्हें समर्थन कर रही थी, उनको वोट नहीं दिया. राजा भैया ने इसके बजाय भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार को वोट दिया था. इसका संबंध लंबे समय से चले आ रहे इतिहास से है, जहां राजा भैया को मायावती के शासन के दौरान जेल भेज दिया गया था.