Ayodhya Ramlila: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूरे होने पर अयोध्या में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम में पहली बार राम मंदिर परिसर में रामलीला का मंचन किया गया. अंगद टीला पर आयोजित इस कार्यक्रम में ठंड के बावजूद सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे. खास बात यह रही कि प्रभु श्रीराम की भूमिका का मंचन शम्सुर्रहमान नावेद ने किया.
राम नगरी में इस रामलीला का मंचन खास चर्चा में है, क्योंकि इसमें शम्सुर्रहमान नावेद, जो एक मुस्लिम शख्स हैं, ने प्रभु श्रीराम का किरदार निभाया. शम्सुर्रहमान की प्रस्तुति ने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस कार्यक्रम को देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और शम्सुर्रहमान ने मंचन की इजाजत मिलने पर खुद को बहुत सौभाग्यशाली महसूस किया.
जावेद को पसंद है सुंदरकांड
दरअसल, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के एक साल पूरे होने पर अयोध्या में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. लखनऊ की संस्था 'कल्चरल क्वेस्ट' द्वारा राम मंदिर परिसर में भरत नाट्यम के माध्यम से सुंदरकांड का मंचन भी किया गया, जिसमें शम्सुर्रहमान ने हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि सुंदरकांड उन्हें बेहद प्रिय है और यह उनके लिए गर्व की बात है कि उन्हें प्रभु श्रीराम के दरबार में मंचन का अवसर मिला.
शम्सुर्रहमान नावेद कौन हैं?
शम्सुर्रहमान नावेद ने अपनी शिक्षा बीएससी और फैशन डिजाइनिंग में प्राप्त की है, इसके बाद उन्होंने भरत नाट्यम की शिक्षा ली. वह कहते हैं कि उनकी संस्था का उद्देश्य रामनगरी में विश्वस्तरीय रामायण की कल्पना को साकार करना है. इसके लिए वे अयोध्या के राम मंदिर के पांच किलोमीटर के दायरे में स्थान चयनित कर रहे हैं और प्रदेश सरकार से इस दिशा में बातचीत जारी है.
सुंदरकांड पर भरतनाट्यम प्रस्तुति
'कल्चरल क्वेस्ट' द्वारा प्रस्तुत सुंदरकांड की भरतनाट्यम प्रस्तुति ने कार्यक्रम को और भी खास बना दिया. इस प्रस्तुति में हनुमान के लंका गमन, सीता की खोज और राम के संदेश को शास्त्रीय नृत्य के माध्यम से प्रभावशाली ढंग से प्रदर्शित किया गया.
अंगद टीला पर विशेष आयोजन
अंगद टीला, जो पौराणिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, पर इस रामलीला का आयोजन एक विशेष महत्व रखता है. इस स्थल से जुड़ी रामायण की घटनाओं ने इस आयोजन को और भी ऐतिहासिक बना दिया.
शम्सुर्रहमान ने लोगों से क्या कहा?
प्रभु राम की भूमिका निभाने वाले शम्सुर्रहमान ने कहा कि भगवान राम केवल हिंदू धर्म तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे पूरी मानवता के आदर्श हैं. उनके जीवन से हमें सच्चाई, धैर्य और न्याय की शिक्षा मिलती है. शम्सुर्रहमान ने इस माध्यम से यह संदेश दिया कि भगवान राम सभी के लिए प्रेरणा हैं, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो.