Mukhtar Ansari Political Career: यूपी के माफिया और फिर नेता बनने वाले मुख्तार अंसारी की आज मौत हो गई है. मुख्तार अंसारी यूपी के बांदा जेल में बंद से जहां देर देर शाम उनकी तबीयत बिगड़ी और फिर इलाज के लिए उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. खबरें की मानें तो मुख्तार की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है. लेकिन उनके वकील और भाई अफजाल अंसारी ने आरोप लगाया है कि उन्हें जहर दिया गया है.
बाहुबली मुख्तार अंसारी ने जुर्म की दुनिया में बहुत कम उम्र में ही कदम रख दी थी. जुर्म की दुनिया में कदम रखने के बाद मुख्तार अंसारी ने राजनीति में एंट्री की. आइए मुख्तार अंसारी के राजनीतिक करियर के बारे में जानते हैं.
मुख्तार अंसारी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1990 के दशक में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से की थी. छात्र संघ के रूप में पॉलिटिकल करियर की शुरुआत हुई और फिर 1996 में पहली बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे. मुख्तार अंसारी साल 1997 से लेकर 2022 तक लगातार मऊ विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया है.
मुख्तार अंसारी को यूं तो लोग एक नेता और बाहुबली की छवि के लिए जानते हैं. बहुत कम लोग इस बात से परिचित हैं कि मुख्तार का परिवार एक प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखता है.
मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी की अगर हम बात करें तो वह स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं. महात्मा गांधी के साथ काम करते हुए वह 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं. वहीं, मुख्तार के नाना नौशेरा युद्ध के नायक रहे हैं.
मुख्तार के नाना 47 की जंग में भारतीय सेना की ओर से नौशेरा की लड़ाई लड़कर हिंदुस्तान को जीत दिलाने वाले महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर उस्मान मुख्तार अंसारी के नाना थे. इस जंग में उन्होंने देश के लिए शहीद हुए थे. इसके अलावा भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख्तार अंसारी के चाचा लगते हैं.