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लखनऊ में हाई प्रोफाइल विदेशी सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, महिलाओं की प्लास्टिक सर्जरी से पहचान बदलकर करवाते थे देह व्यापार

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हाई प्रोफाइल विदेशी सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें एक नामी प्लास्टिक सर्जन की संदिग्ध भूमिका सामने आई है.

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Edited By: Princy Sharma
Lucknow News
Courtesy: Pinterest

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हाई प्रोफाइल विदेशी सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें एक नामी प्लास्टिक सर्जन की संदिग्ध भूमिका सामने आई है. डॉक्टर विवेक गुप्ता, जो लखनऊ के गोमतीनगर और सुल्तानपुर रोड पर क्लिनिक चलाते हैं उनपर आरोप है कि उन्होंने उज्बेकिस्तान की दो महिलाओं, होलिडा और निलोफर की प्लास्टिक सर्जरी करके उनकी पहचान बदल दी. इस सर्जरी का मकसद था ताकि ये महिलाएं बिना पासपोर्ट और वीजा के भारत में अवैध रूप से रह सकें और देह व्यापार के काले धंधे को चलाने में मदद कर सकें.

21 जून को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) और लखनऊ पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दोनों महिलाएं ओमेक्स हजरतगंज के एक फ्लैट से गिरफ्तार की गईं. पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि ये महिलाएं डॉक्टर विवेक गुप्ता की मदद से अपनी पहचान बदलने में सफल हो पाई थीं. बताया जा रहा है कि डॉ. गुप्ता ने अर्जुन राणा नामक व्यक्ति के कहने पर यह सर्जरी की थी. अर्जुन राणा खुद को एक मीडिया पर्सन बताता है और वह उज्बेकिस्तानी गैंग लीडर लोयोला का पति है. लोयोला के खिलाफ पहले से उज्बेकिस्तान में लुक आउट नोटिस जारी है और वह भारत में शरण लेने के बाद सेक्स रैकेट चला रही थी.

सेक्स रैकेट का संचालन कर सकें 

पुलिस के अनुसार, अर्जुन राणा ने डॉ. विवेक गुप्ता से यह सर्जरी करवाने का आदेश दिया था ताकि ये महिलाएं भारतीय नागरिकों की तरह दिख सकें और सेक्स रैकेट का संचालन कर सकें. पुलिस अब यह जांच कर रही है कि डॉक्टर विवेक गुप्ता ने इस तरह की सर्जरी और कितनी महिलाओं की पहचान बदलने के लिए की है.

एफआरआरओ की टीम 

यह खुलासा होने के बाद खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं और एफआरआरओ की टीम ने इस रैकेट के नेटवर्क को खंगालना शुरू कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में डॉक्टर विवेक गुप्ता और अर्जुन राणा के खिलाफ विदेशी अधिनियम सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. अब जांच यह भी की जा रही है कि यह सेक्स रैकेट सिर्फ लखनऊ तक ही सीमित था या इसका नेटवर्क और भी शहरों तक फैला हुआ है.

यह मामला शहर की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है, और पुलिस और जांच एजेंसियों का ध्यान अब इस रैकेट के अन्य ठिकानों और विदेशी कनेक्शनों पर है.