Lucknow Lok Sabha Seat : उत्तर प्रदेश में तीन दशक से बीजेपी का गढ़ रही लखनऊ लोकसभा सीट हॉट सीट बन गई हैं. इस सीट से देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह चुनावी मैदान में हैं तो समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर जेल जाने का रिकार्ड बनाने वाले रविदास मेहरोत्रा को मैदान में उतार दिया है. रविदास मेहरोत्रा मुलायम सिंह के करीबी नेता रहे हैं. सपा में उनकी गिनती कद्दावर नेताओं में होती है.
इसके बाद से एक बार फिर लखनऊ लोकसभा सीट पर मुकाबला बेहद रोचक होने वाला है. लखनऊ सीट से अटल बिहारी वाजपेयी लगातार 5 बार चुने जीते थे. 2014 और 2019 में यहां से राजनाथ सिंह सांसद बने हैं. इस सीट का इतिहास क्या है और राजनीतिक समीकरण क्या है इसके बारे में जानते हैं.
लखनऊ लोकसभा सीट पर 1991 से लेकर 2019 तक बीजेपी का कब्जा है. इस सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी 1991 में चुनाव जीते थे तब से लेकर अब तक यह सीट बीजेपी के पास है. अटल बिहारी वाजपेयी इस सीट से लगातार 5 बार चुने जीते थे. वाजपेयी के राजनीतिक जीवन से सन्यास लेने के बाद 2009 में बीजेपी के टिकट से इस सीट पर लालजी टंडन ने जीत हासिल की थी. लखनऊ सीट पर पहले तीन आम चुनावों में लगातार कांग्रेस को जीत मिली. 1967 के आम चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार आनंद नारायण ने जीत हासिल की.
1971 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस की शीला कौल और 1977 में हेमवती नंदन बहुगुणा भारतीय लोकदल के टिकट पर यहां से जीतकर संसद पहुंचे. 1980 में कांग्रेस (इंदिरा) और 1984 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की टिकट पर शीला कौल दो बार जीत पाई. लखनऊ संसदीय सीट में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें लखनऊ पश्चिम, लखनऊ उत्तरी, लखनऊ पूर्वी, लखनऊ मध्य और लखनऊ कैंट है.
2011 की जनगणना के अनुसार, लखनऊ जिले की आबादी 45.89 लाख है. यहां पुरुषों की आबादी 23.94 लाख और महिलाओं की आबादी 21.95 लाख है. लखनऊ की आबादी में 71.1 प्रतिशत हिन्दू, 26.36 प्रतिशत मुस्लिम, बाकी अन्य हैं. अनुसूचित जाति की आबादी 14.3% हैं तो अनुसूचित जनजाति की 0.2%. यहां ब्राह्मण और राजपूत वोटर भी मिलकर करीब 18 प्रतिशत हैं. ओबीसी मतदाता 28 फीसदी और मुस्लिम मतदाता करीब 18 फ़ीसदी हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ सीट पर बीजेपी ने कद्दावर नेता राजनाथ सिंह को मैदान पर उतारा. सिंह ने सपा प्रत्याशी पूनम सिन्हा को 3,47,302 मतों के अंतर से हराया. राजनाथ सिंह को कुल 6,33,026 वोट मिले जबकि पूनम सिन्हा को 2,85,724 वोट मिले. पूनम सिन्हा पूर्व केंद्रीय मंत्री और फिल्म स्टर शत्रुध्न सिन्हा की पत्नी हैं. कांग्रेस ने यहां से आचार्य प्रमोद कृष्णन को खड़ा किया था और उन्हें 1,80,011 वोट मिले थे. इससे पहले 2014 में राजनाथ सिंह ने कांग्रेस की प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी को 2,72,749 मतों के अंतर से हराया था.
लखनऊ लोकसभा सीट पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले रविदास मेहरोत्रा वर्तमान में लखनऊ मध्य से सपा के विधायक हैं. उन्होंने विधानसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट रजनीश गुप्ता को लखनऊ मध्य सीट से 11 हजार मतों से हराया था. मेहरोत्रा छात्र जीवन से राजनीति में आ गए थे. आम जनमानस के और समाजिक मुद्दों को लगातार उठाये रहे हैं. इसी के चलते उनको 251 बार जेल जाकर जाना पड़ा और उन्होंने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा बार जेल जाने के रिकॉर्ड दर्ज कराया है.
लखनऊ के केकेसी विद्यालय में पहली बार छात्रसंघ का चुनाव लड़े और जीतकर उपाध्यक्ष बने और यहीं से उनकी राजनीतिक यात्रा शुरू हुई. सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव से मुलाकात हुई. मुलायम सिंह का आशीर्वाद मिला तो राजनीतिक तरक्की होती गई. पहली बार 1989 में लखनऊ पूर्व विधानसभा की सीट से जनता दल की टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने. उसके बाद 2012 में वह सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और दोबारा विधायक बने. वर्ष 2017 में जब बीजेपी की लहर थी तब रविदास मेहरोत्रा को लखनऊ मध्य से हार का सामना करना पड़ा. इसके अलावा मेहरोत्रा की गिनती मुलायम सिंह के करीबियों में होती है. वह मुलायम सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.