Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए देशभर की राजनीतिक पार्टियां एड़ी-चोटी तक का जोर लगा रही हैं. ऐसे में बेहद खास राज्य उत्तर प्रदेश पर भी प्रमुख पार्टियों का खास ध्यान है. भाजपा, सपा और कांग्रेस समेत अन्य क्षेत्रीय पार्टियां पूरे लाव लश्कर के साथ जुट गई हैं. कई दलों ने तो अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं. इसी बीच राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर का भी एक बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा को लेकर अपनी टिप्पणी दी है.
जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग की ओर से लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किए जाने से पहले भाजपा उत्तर प्रदेश में अपनी कमजोर सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है. शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत शीर्ष भाजपा नेताओं ने इन सीटों पर चर्चा की है. शीर्ष नेताओं का मानना है कि पार्टी को इन सीटों पर कड़ी चुनावी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.
सूत्रों ने कहा है कि पार्टी की योजना चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले इन कमजोर सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करने की है ताकि उम्मीदवार समय से अपना चुनावी प्रचार शुरू कर सकें. बैठक में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य और राज्य की कोर कमेटी के अन्य नेता भी शामिल हुए हैं. दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में ये बैठक करीब दो घंटे तक चली है.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 62 सीटें जीती थीं. जबकि एनडीए की सहयोगी अपना दल ने दो सीटें जीतीं. भाजपा की ये बैठक विपक्षी INDIA ब्लॉक की पार्टियों कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच यूपी में सीटों के बंटवारे पर सहमति के बाद हुई है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि शेष 63 सीटें समाजवादी पार्टी (सपा) और अन्य गठबंधन सहयोगियों के लिए होंगी.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि यह बहुत कम संभावना है कि भाजपा को आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में अकेले 370 सीटें मिलेंगी. एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्हें बहुत आश्चर्य होगा अगर बीजेपी अकेले 370 लोकसभा सीटें जीत ले, क्योंकि अभी इसकी संभावना काफी कम है. यह भी कह सकते हैं कि शून्य है. प्रशांत किशोर ने आगामी चुनाव के लिए अपनी भविष्यवाणी में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में इस संख्या के बारे में बात की है, लेकिन मुझे लगता है कि यह सिर्फ भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए एक लक्ष्य है, संभावना नहीं.