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पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने कर दी पिटाई, पति ने फंदे से लटककर दे दी जान, दरोगा समेत इन पर गिरी गाज

कानपुर के सजेती थाना क्षेत्र में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जहां पुलिस की कथित पिटाई और उत्पीड़न से त्रस्त एक युवक ने आत्महत्या कर ली.

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Edited By: Garima Singh
Kanpur News
Courtesy: x

Kanpur News: कानपुर के सजेती थाना क्षेत्र में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जहां पुलिस की कथित पिटाई और उत्पीड़न से त्रस्त एक युवक ने आत्महत्या कर ली. कोटरा गांव के 42 साल के जीतू निषाद ने सोमवार को फंदे से लटककर अपनी जान दे दी. परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें पैसे की उगाही और मारपीट शामिल हैं. इस मामले में घाटमपुर विधायक के हस्तक्षेप के बाद दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. 

जीतू निषाद, जो गुजरात के सूरत में प्राइवेट नौकरी करते थे, पिछले तीन महीनों से अपने गांव कोटरा में थे. उनकी पत्नी सुमन और तीन बेटियां हैं. 4 जून को जीतू और सुमन के बीच विवाद हो गया, जिसके बाद सुमन अपनी बेटियों के साथ मायके बीरबल अकबरपुर चली गईं. जीतू के पिता रमेश ने बताया, “मेरा बेटा 6 जून को पत्नी को लेने ससुराल गया, लेकिन ससुराल वालों ने सुमन को भेजने से इनकार कर दिया. जीतू ने जिद की तो सुमन ने पुलिस को बुला लिया.'' पुलिस ने जीतू को कोटरा गांव की अस्थाई पुलिस चौकी ले जाकर समझौता करवाया और छोड़ दिया. लेकिन 8 जून को फिर से ससुराल जाने पर सुमन के परिवार ने जीतू के साथ अभद्रता की। सुमन ने दोबारा पुलिस को फोन किया, जिसके बाद पुलिस ने जीतू को चौकी ले जाकर कथित तौर पर पीटा.

पुलिस पर उगाही और मारपीट का आरोप

जीतू के पिता रमेश ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “पुलिस ने बेटे को छोड़ने के लिए 20 हजार रुपये मांगे. मैंने गेहूं बेचकर 15 हजार रुपये दिए, लेकिन पुलिस ने बाकी 5 हजार रुपये के लिए धमकाया.'' 9 जून को सुबह जीतू घर लौटे, लेकिन शाम को उन्होंने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. रमेश ने बताया, “जब हमने खाना खाने के लिए बुलाया, तो खिड़की से देखा कि वह फंदे से लटक रहा था. दरवाजा तोड़कर उसे उतारा, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.''

विधायक के दबाव में पुलिस ने की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही घाटमपुर विधायक सरोज कुरील ने तुरंत कानपुर डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी से संपर्क किया. विधायक ने मौके पर पहुंचकर पुलिस पर कार्रवाई की मांग की. डीसीपी ने तत्काल प्रभाव से आरोपी दरोगा गौरव सहूलिया और हेड कॉन्स्टेबल रवि को निलंबित कर दिया. साथ ही, जीतू की पत्नी सुमन और उनके पिता रामकिशोर के खिलाफ भी सजेती थाने में मुकदमा दर्ज किया गया. 

पुलिस चौकी बनी ‘लूट का अड्डा’

कोटरा गांव के ग्रामीणों ने डीसीपी साउथ को बताया कि स्थानीय पुलिस सहायता केंद्र लूट का अड्डा बन चुका है. उनका आरोप है कि पुलिसकर्मी छोटे-मोटे विवादों में लोगों को डराकर पैसे वसूलते हैं. ग्रामीणों ने बताया, “10 दिन पहले गांव के भोला ने भी फंदा लगाकर जान दी थी, जिसके पीछे भी पुलिस की प्रताड़ना की आशंका है.''