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'कांवड़ यात्री लोगों का धर्म नहीं पूछते...', जयंत चौधरी ने भी छेड़ा बीजेपी के फैसले के खिलाफ विरोध का सुर

चौधरी ने कहा कि यह फैसला सोच विचार कर नहीं लिया गया और अब जब फैसला ले लिया गया है तो वह  इस पर अड़े हुए हैं. सरकारों के साथ कभी कभार यह होता है. अभी भी समय है. शायद इसे बहुत सख्ती से लागू नहीं किया गया हैं. मैं देख रहा हूं कि प्रशासन की ओर से इस फैसले को लेकर ज्यादा दबाव नहीं बनाया जा रहा है. 

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Edited By: India Daily Live
jayant chaudhary
Courtesy: social media

UP News: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड बीजेपी सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा के मार्गों पर भोजनालयों के मालिकों की नेमप्लेट लगाने के आदेश के खिलाफ पार्टी के अंदर ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं. एनडीए की सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के मुखिया और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने रविवार को कहा कि सेवा लेने से पहले कांवड़ यात्री किसी का धर्म चेक नहीं करते.

सरकार के आदेश पर चौधरी ने कहा, ''मुद्दा यह नहीं है, प्रदेश अध्यक्ष ने हमारा रुख स्पष्ट कर दिया है. यह पूरी पार्टी का पक्ष है. हर कोई कांवड़ यात्रियों की सेवाओं में लगा हुआ है. कांवड़ यात्री किसी से उसका नाम नहीं पूछते. जो लोग सेवा करते हैं वे पुण्य लेने के लिए सेवा करते हैं. कोई भी कांवड़ यात्री  सेवा लेने से पहले धर्म और जाति नहीं पूछता. इस मुद्दे को जाति-धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.'

खतौली में मैकडोनाल्ड क्या लिखेगा, बर्गर किंग क्या लिखेगा
चौधरी ने कहा, 'सभी संगठन अपना नाम लिख सकते हैं. मालिक अलग हो सकता है ब्रांड अलग हो सकता है. खतौली में मैकडोनाल्ड क्या लिखेगा, बर्गर किंग क्या लिखेगा.'  चौधरी ने सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक के बाद यह प्रतिक्रिया दी. बता दें कि RLD बीजेपी की सहयोगी पार्टी है. मुजफ्फरनगर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पार्टी का गढ़ माना जाता है. चौधरी ने शुक्रवार को कहा था कि उनकी पार्टी राज्य और केंद्र सरकार के सामने इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाएगी.

सोच विचार कर नहीं लिया गया फैसला

चौधरी ने कहा कि यह फैसला सोच विचार कर नहीं लिया गया और अब जब फैसला ले लिया गया है तो वह  इस पर अड़े हुए हैं. सरकारों के साथ कभी कभार यह होता है. अभी भी समय है. शायद इसे बहुत सख्ती से लागू नहीं किया गया हैं. मैं देख रहा हूं कि प्रशासन की ओर से इस फैसले को लेकर ज्यादा दबाव नहीं बनाया जा रहा है. 

शाकाहारी और मांसाहारी का सवाल मायने रखता है

चौधरी ने कहा कि जहां तक शाकाहारी और मांसाहारी का सवाल है तो यह मायने रखता है. लोगों को यह पता होना चाहिए कि खाने शाकाहारी है या मांसाहारी है या उसमें कैसे पदार्थ मिलाए गए हैं. इससे क्या फर्क पड़ता है कि इसे कौन बनाता है? शाकाहारी मुस्लिम भी हैं और मांसाहारी हिंदू भी हैं.

पासवान ने भी की थी योगी सरकार की निंदा

इससे पहले एनडीए के सहयोगी चिराग पासवान ने भी योगी सरकार के इस फैसले की निंदा की थी. उन्होंने कहा था, 'हर सरकार को जिम्मेदारी के साथ गरीबों के हित में काम करना चाहिए, फिर चाहे वो दलित हो, पिछड़ा हो, उच्च जाति का हो या फिर मुस्लिम.'

बीजेपी ने किया फैसले का बचाव

सहयोगी दलों के विरोध के बावजूद बीजेपी सरकार अपने आदेश का बचाव कर रही है. सरकार का कहना है कि यह आदेश कोई नया नहीं है. पिछले साल भी ऐसा ही आदेश लागू किया गया था. पूर्व केंद्रीय मंत्री और इस बार मुजफ्फरनगर से लोकसभा का चुनाव हारने वाले संजीव बालयान ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा दिया गया आदेश नया नहीं है पिछले साल भी ऐसा ही आदेश जारी किया गया था. 

 


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