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'अगर आपका नोएडा में फ्लैट है तो तुरंत बेचकर भागिए', फिनफ्लूएंसर ने क्यों दी यह चेतावनी, भारी नुकसान से बचना है तो जान लीजिए

फिनफ्लुएंसर अक्षत श्रीवास्तव ने चेतावनी दी है कि नोएडा और गुड़गांव में फ्लैट्स को निवेश के रूप में रखने वालों के लिए मुश्किल समय आने वाला है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
FLATS
Courtesy: SOCIAL MEDIA

नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (येडा) में निर्माण नियमों को एकसमान और सरल करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने कदम उठाया है. इस नीति के तहत ग्राउंड कवरेज सीमाएं हटाने और फ्लोर एरिया रेशियो बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिससे ऊंची और फैली हुई इमारतों का निर्माण संभव होगा.

हालांकि, यह नीति निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन रही है. फिनफ्लुएंसर अक्षत श्रीवास्तव ने इस बदलाव को नोएडा-गुड़गांव में फ्लैट निवेशकों के लिए खतरे की घंटी बताया है. उनके अनुसार, यह नीति आपूर्ति को बढ़ाएगी, जिससे मौजूदा फ्लैट्स की बिक्री मुश्किल हो जाएगी.

नई नीति का प्रभाव

उत्तर प्रदेश सरकार का नया बिल्डिंग बायलॉज ड्राफ्ट गुजरात और सिंगापुर जैसे मॉडलों पर आधारित है. इसमें ग्राउंड कवरेज सीमाएं हटाने, सेटबैक (3-9 मीटर) को मानकीकृत करने, पार्किंग नियमों में ढील देने, लैंडस्केपिंग आवश्यकताओं को 5-10% तक कम करने और हवाई अड्डों या ऐतिहासिक स्थलों को छोड़कर इमारतों की ऊंचाई प्रतिबंध हटाने का प्रस्ताव है.

अक्षत श्रीवास्तव ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, 'ज्यादा ऊंची इमारतें = ज्यादा आपूर्ति. ज्यादा आपूर्ति = मौजूदा इकाइयों को बेचना और मुश्किल होगा. ज्यादा आपूर्ति से पहले से ही बेहद खराब बुनियादी ढांचे पर दबाव बढ़ेगा.'

निवेशकों के लिए खतरे की घंटी

श्रीवास्तव ने स्पष्ट शब्दों में कहा, 'अगर आप नोएडा/गुड़गांव आदि में फ्लैट को 'निवेश' के रूप में रखते हैं, तो इसे बेच दें. और भाग जाएं. पीछे मुड़कर न देखें. मुश्किल समय आने वाला है. आप अभी इसे देख नहीं पा रहे हैं.'

उनका मानना है कि बढ़ती आपूर्ति न केवल फ्लैट्स की बिक्री को प्रभावित करेगी, बल्कि क्षेत्र के पहले से कमजोर बुनियादी ढांचे पर अतिरिक्त बोझ डालेगी, जिससे निवेश की वैल्यू और घट सकती है.

उच्च घनत्व विकास को बढ़ावा

नए नियमों के तहत फ्लोर एरिया रेशियो को बढ़ाया जाएगा- उद्योगों के लिए 3, समूह आवास के लिए 3.5, संस्थानों के लिए 3 और वाणिज्यिक परियोजनाओं के लिए 4 तक. इससे उच्च घनत्व वाले विकास को बढ़ावा मिलेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां मांग अधिक है.

यह नीति आवास विकास मानकों के अनुरूप है और इसका उद्देश्य मंजूरी प्रक्रिया को तेज करना, लागत कम करना और परियोजनाओं को और व्यवहार्य बनाना है. ड्राफ्ट को अंतिम समीक्षा के लिए इन्वेस्ट यूपी को भेजा गया है.

निवेशकों के लिए सलाह

श्रीवास्तव की चेतावनी उन निवेशकों के लिए एक गंभीर सलाह है जो नोएडा और गुड़गांव में फ्लैट्स को निवेश के रूप में देखते हैं. नई नीति से निर्माण में तेजी आएगी, लेकिन इससे आपूर्ति बढ़ने और बुनियादी ढांचे पर दबाव के कारण मौजूदा फ्लैट्स की कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. निवेशकों को इस बदलाव के प्रभावों का आकलन कर तुरंत निर्णय लेने की जरूरत है.