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Ayodhya Deepotsav: योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीपोत्सव पर काशी और मथुरा को लेकर कर दिया बड़ा दावा

Ayodhya Deepotsav: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम में भाग लिया. उन्होंने इस दौरान कहा कि 'काशी और मथुरा' को भी पवित्र शहर अयोध्या की तरह चमकना चाहिए.

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CM Yogi
Courtesy: Social Media

Ayodhya Deepotsav: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में आयोजित भव्य दीपोत्सव में हिस्सा लेते हुए कहा कि अयोध्या की तरह काशी और मथुरा को भी नई रोशनी में चमकना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से चल रहे विकास कार्य अयोध्या को धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में पुनर्स्थापित कर रहे हैं, और अब इसी दिशा में काशी और मथुरा का भी विकास किया जाना चाहिए. 

योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में हुए विकास को डबल-इंजन सरकार के द्वारा किया गया वादा बताया. दीपोत्सव समारोह में सीएम योगी ने बीजेपी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि आने वाले समय में मथुरा और काशी भी अयोध्या की तरह चमकेंगे. 

मुख्यमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का भी उल्लेख किया और इसे एक ऐतिहासिक घटना बताया. उन्होंने कहा, "500 साल बाद यह पहला अवसर है जब भगवान राम अपनी नगरी अयोध्या में दीपावली मना रहे हैं." यह दिवाली रामलला के अपने मंदिर में होने वाली पहली दीपावली थी, जिसने अयोध्या के साथ ही पूरे देश के लिए विशेष महत्व अर्जित कर लिया है.

काशी और मथुरा के विकास को लेकर बोले सीएम योगी

योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या की तरक्की के साथ-साथ काशी और मथुरा में भी विकास की आवश्यकता को रेखांकित किया. उन्होंने बताया कि वर्ष 2047, जब भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तब तक काशी और मथुरा को भी अयोध्या की तरह विकसित किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा, “यह शुरुआत है और इस शुरुआत को 2047 तक अपनी मंजिल तक पहुंचाना है, ताकि जब देश 100 वर्ष की आजादी का जश्न मना रहा हो, तब काशी और मथुरा भी अयोध्या की तरह रोशन हों.”

विकास का नया अध्याय

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि अयोध्या के इस दीपोत्सव के माध्यम से विकास का नया अध्याय खुल रहा है, जो न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करता है, बल्कि राज्य को पर्यटन और आर्थिक उन्नति की दिशा में भी आगे बढ़ाता है. अयोध्या के साथ ही काशी और मथुरा को भी भारत के प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों के रूप में उभारने का उद्देश्य, योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच का हिस्सा है, जिसे आने वाले वर्षों में साकार किया जाएगा.