Pankhuri Tripathi Fee Waiver: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की कक्षा 7 की छात्रा पंखुरी त्रिपाठी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फीस माफी का आश्वासन तो मिला, लेकिन जब वह स्कूल पहुंचीं, तो प्रबंधन ने मदद देने से साफ इनकार कर दिया. सरस्वती शिशु मंदिर, पक्कीबाग में पढ़ने वाली पंखुरी के पिता का एक्सीडेंट के बाद रोजगार छिन गया, जिससे परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है.
1 जुलाई को जनता दरबार में पंखुरी ने खुद मुख्यमंत्री से अपने सपने, IAS बनने के लिए मदद मांगी थी. सीएम योगी ने उन्हें चॉकलेट दी और कहा, 'पढ़ाई रुकेगी नहीं.' लेकिन स्कूल प्रशासन ने कह दिया कि 'ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.'
स्कूल के मुताबिक, अगर एक छात्रा की फीस माफ की गई, तो दूसरे भी मांग करेंगे और इससे संस्थान की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा. पंखुरी का मासिक शुल्क ₹1,650 है और अब तक कुल ₹18,000 बकाया हो चुका है. छात्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'CM ने कहा था कि पढ़ाई नहीं रुकेगी, लेकिन स्कूल में हमें डांटा गया और कहा गया कि फीस माफ़ नहीं की जा सकती.'
पंखुरी ने बताया कि जब उनके पिता के साथ स्कूल में दुर्व्यवहार हुआ, तो वह टूट गए. 'पापा बहुत दुखी हो गए. किसी ने पहले कभी उनसे इस तरह बात नहीं की थी. लेकिन मुझे भरोसा है कि मुख्यमंत्री मेरे सपने को टूटने नहीं देंगे.' वहीं पिता राजीव कुमार त्रिपाठी ने अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'अखिलेश जी ने ट्वीट किया है, लेकिन हम मठ और महाराज जी से जुड़े हैं. हमें विश्वास है कि वह बेटी की पढ़ाई जरूर जारी रखवाएंगे.'
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी पर सीधा हमला बोला. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'हम वादा करते हैं कि उसकी पढ़ाई नहीं रुकेगी. यही है बीजेपी के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे झूठे नारों की सच्चाई. हम आग्रह करते हैं कि बीजेपी बच्चों से झूठ बोलना बंद करे.'