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India Daily

रैपिडो ड्राइवर के खाते में अचानक आए 331 करोड़, पैसे से उदपुर में कराई गई शाही शादी

उदयपुर की एक रॉयल वेडिंग की जांच में ईडी को रैपिडो ड्राइवर के बैंक खाते से 331 करोड़ रुपए का संदिग्ध ट्रांजैक्शन मिला. रकम 1xBet से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क के जरिए शादी में खर्च किए जाने का शक है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Rapido Driver Account 331 Crore Udaipur Royal Wedding ED Probe
Courtesy: social media

उदयपुर की भव्य और हाई-प्रोफाइल रॉयल शादी की जांच ने एक हैरान करने वाला खुलासा कर दिया है. प्रवर्तन निदेशालय को पता चला है कि एक साधारण रैपिडो ड्राइवर के बैंक खाते में 331 करोड़ रुपए आए और कुछ ही समय में आगे भेज भी दिए गए. ड्राइवर ने इतनी बड़ी रकम से जुड़ी किसी भी जानकारी से साफ इनकार किया है. ईडी को आशंका है कि इस खाते का इस्तेमाल एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट ने ‘म्यूल अकाउंट’ की तरह किया, जिसके तार एक बेटिंग ऐप से जुड़े हैं.

संदिग्ध खातों की जांच से हुआ खुलासा

ईडी को कई संदिग्ध बैंक खातों की जांच के दौरान पता चला कि बड़ी रकम का यह प्रवाह किसी सामान्य आर्थिक गतिविधि से जुड़ा नहीं है. जांच में संकेत मिले कि यह पूरा मनी ट्रेल एक ऑनलाइन बेटिंग ऐप से बना था. जांच अधिकारियों के अनुसार, ड्राइवर से पूछताछ में उसने रकम के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया और कहा कि वह डिजिटल ट्रांजैक्शन कम करता है तथा अपने बैंक ऐप का नियमित उपयोग भी नहीं करता.

म्यूल अकाउंट का किया गया इस्तेमाल

एजेंसी की जांच में यह बात सामने आई कि ड्राइवर का बैंक खाता मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क के लिए ‘म्यूल अकाउंट’ की तरह इस्तेमाल हुआ. 1xBet नाम की ऐप से जुड़े लोगों ने काला धन सुरक्षित तरीके से घुमाने के लिए यह खाता चुना. ऐसे खाते आमतौर पर कमजोर और आर्थिक रूप से साधारण वर्ग के लोगों के होते हैं जिन्हें असली लेन-देन से अनजान रखा जाता है.

रॉयल वेडिंग में खर्च हुआ पैसा

जांच में यह भी सामने आया कि करीब 331 करोड़ रुपए की इस संदिग्ध रकम का उपयोग उदयपुर की होटल ताज अरावली में हुई एक लग्जरी शादी में किया गया. एजेंसी को शक है कि यह पैसा डेकोरेशन से लेकर होटल बुकिंग और वेंडर पेमेंट तक पहुंचाया गया. रकम कई हिस्सों में बांटकर भेजी गई जिससे इसका ट्रैक पकड़ना मुश्किल हो गया.

कौन चला रहा है नेटवर्क?

अब ईडी इस बात की तह तक पहुंचने में जुटी है कि खाते को असल में किसने ऑपरेट किया और लॉगिन किसके पास थे. जांच इस दिशा में बढ़ रही है कि ड्राइवर तक यह लिंक कैसे पहुंचा. एजेंसी यह भी जांच कर रही है कि शादी आयोजकों और खाते के मालिक के बीच कौन सा मीडिएटर था. इसके बाद कई बिजनेसमैन भी ईडी की रडार पर आ गए हैं.

जांच का दायरा बढ़ा

कंपनियों, इवेंट मैनेजर्स और वेंडर्स को दिए गए पेमेंट की ट्रेल खंगाली जा रही है. ईडी का मानना है कि यह नेटवर्क कई और लोगों के खातों का इस्तेमाल करता था ताकि बड़ी रकम को छोटे हिस्सों में बांटकर वैध दिखाया जा सके. मामले ने अब एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट की ओर इशारा कर दिया है.