menu-icon
India Daily

55 साल के इंतजार के बाद तख्त श्री केशगढ़ साहिब के सामने बनेगा विरासती मार्ग, भगवंत मान सरकार ने पूरा किया वादा

पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने 55 साल से अधूरी पड़ी सड़क परियोजना को पूरा करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. तख़्त श्री केसगढ़ साहिब गुरुद्वारे के सामने बनने वाला यह विरासती मार्ग अब साकार होने जा रहा है.

Kuldeep Sharma
Edited By: Kuldeep Sharma
MANN
Courtesy: social media

Punjab news: आनंदपुर साहिब के तख़्त श्री केसगढ़ साहिब की गलियों में दशकों से एक ही सवाल गूंजता रहा- कब बनेगी वह सड़क, जिसकी बात हर सरकार ने की लेकिन किसी ने पूरी नहीं की? अब इस सवाल का जवाब मिल गया है.

भगवंत मान की सरकार ने विरासती मार्ग के निर्माण की घोषणा की है, जो न सिर्फ सड़क बनेगी बल्कि पंजाब की धार्मिक विरासत को नया जीवन भी देगी. यह वही जगह है जहां 1699 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी, इसलिए यह स्थान हर सिख के लिए भावनाओं का केंद्र है.

55 साल पुरानी कहानी, जो अब पूरी होगी

इस सड़क परियोजना की नींव 1970 में रखी गई थी. उस समय इसे आनंदपुर साहिब के धार्मिक और सांस्कृतिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम माना गया था. लेकिन पांच दशक बीत जाने के बाद भी सड़क का सपना अधूरा रह गया. अकाली-भाजपा गठबंधन हो या कांग्रेस सरकार—हर किसी ने इसका वादा किया लेकिन काम कभी शुरू नहीं हुआ. श्रद्धालु हर साल होला मोहल्ला और वैसाखी के दौरान लाखों की संख्या में यहां पहुंचते हैं, मगर उन्हें अब तक बदहाल रास्तों से गुजरना पड़ता था.

भगवंत मान सरकार का फोकस

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस परियोजना को पंजाब की “धार्मिक जिम्मेदारी” बताते हुए इसे फौरन पूरा करने का निर्देश दिया है. मान सरकार का मानना है कि जनता का पैसा अब केवल जनता के काम में लगेगा, न कि भ्रष्टाचार में. यही कारण है कि जिन परियोजनाओं पर दशकों तक फाइलें धूल खाती रहीं, अब वे जमीन पर उतरने लगी हैं. विरासती मार्ग उसी सोच का हिस्सा है, जहां विकास और संस्कृति दोनों एक साथ आगे बढ़ेंगे.

सिर्फ सड़क नहीं, एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण

इस मार्ग के बनने से श्रद्धालुओं को सुविधा तो होगी ही, साथ ही आनंदपुर साहिब के स्थानीय कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा. धार्मिक पर्यटन को गति मिलेगी और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. सिख धर्म की इस पवित्र नगरी को दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए और सुलभ बनाया जाएगा. सरकार का कहना है कि यह परियोजना केवल विकास का प्रतीक नहीं बल्कि पंजाब की आत्मा – उसकी विरासत और आस्था – के सम्मान का प्रतीक बनेगी.

जनता का भरोसा और उम्मीदें फिर जगीं

आनंदपुर साहिब के निवासियों और सिख समुदाय में इस घोषणा से नई उम्मीद जगी है. 55 साल से अधूरा सपना अब साकार होने की कगार पर है. लोग इसे “विकास की शुरुआत और आस्था का सम्मान” मान रहे हैं. जो काम आधी सदी में नहीं हुआ, उसे आम आदमी पार्टी सरकार अब पूरा करने जा रही है — यह बदलाव की दिशा में पंजाब के नए अध्याय की शुरुआत है.