Bihar Assembly Elections 2025: बिहार चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी रणनीतियां तेज कर दी है. सभी राजनीतिक दल चुनाव को अपने फेवर में करने के काम में जुट गए हैं. इसी दरमियान राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट करके राजनीतिक विशेषज्ञों का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है.
दरअसल आज यानि 8 अक्टूबर को दिवंगत लोजपा नेता राम बिलास पासवान की पुण्यतिथि है. इसपर तेजस्वी यादव ने एक्स पर रामबिलास पासवान की एक तस्वीर साझा की है. साथ ही कैप्शन में लिखा- 'वंचितों के अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले श्रद्धेय रामविलास पासवान जी को उनकी पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं'.
तेजस्वी की एक्स पर पोस्ट आते ही राजनीतिक गलियारों में गर्मी बढ़ गई है. राजनीतिक विश्लेषक कयास लगा रहे हैं कि तेजस्वी ने इस पोस्ट के माध्यम से चिराग पासवान को इनडायरेक्टली संदेश दिया. विशेषज्ञों का कहना है कि चिराग पासवान और एनडीए में अब तक सीटों के बंटवारे को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ है. इसी का फायदा उठाकर तेजस्वी चिराग पासवान को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रहे हैं.
वंचितों के अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले श्रद्धेय रामविलास पासवान जी को उनकी पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। pic.twitter.com/atciSp7cVx
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 8, 2025
जानकारी के अनुसार बिहार चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान अब भी जारी है. सूत्रों के मुताबिक, लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान भाजपा और जेडीयू से 45 से 54 सीटों की मांग कर रहे हैं, जिस पर सहमति नहीं बन पा रही है. बताया जा रहा है कि इस असहमति के चलते चिराग नाराज हैं और उन्होंने अपनी रणनीति पर पुनर्विचार शुरू कर दिया है. एनडीए के भीतर यह तनाव तब बढ़ा है जब बिहार में छोटे दलों की भूमिका निर्णायक होती जा रही है और हर सीट का समीकरण चुनावी गणित को प्रभावित कर सकता है.
क्या एलजेपी को INDIA ब्लॉक में जोड़ने की तैयारी?
राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि तेजस्वी का यह कदम एनडीए के अंदर चल रही खींचतान के बीच विपक्षी INDIA ब्लॉक की संभावनाओं को ध्यान में रखकर उठाया गया है. उनका यह पोस्ट एलजेपी (रामविलास) को विपक्षी गठबंधन में शामिल करने या कम से कम भाजपा-जेडीयू के समीकरणों को अस्थिर करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. चुनावी मौसम में इस तरह की राजनीतिक पहलें बिहार की सियासत में नए गठबंधन संकेतों को जन्म दे रही हैं.