MP Madrasa Controversy: मध्य प्रदेश के मुरैना और शिवपुरी जिलों से एक गंभीर मामला सामने आया है. यहां सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों में लगभग 500 हिंदू बच्चों को दाखिला दिलाने और उन्हें कुरान व इस्लामी शिक्षाएं पढ़ाने की शिकायत दर्ज की गई है. इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने जानकारी दी कि मदरसों में हिंदू बच्चों को इस्लाम में धर्मांतरित करने की साजिश के तहत शिक्षा दी जा रही है.
शिकायतकर्ता ने कहा कि इन मदरसों में बच्चों को कुरान और हदीस पढ़ाई जा रही है और यह सब उचित सरकारी अनुमति के बिना किया जा रहा है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि यह गतिविधियां किशोर न्याय अधिनियम, 2015 और संविधान के अनुच्छेद 28 (3) का उल्लंघन हैं. साथ ही, यह भी कहा गया कि 16 अगस्त 2024 को मध्य प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया था कि गैर-इस्लामी बच्चों को मदरसों में दाखिला नहीं दिया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद यह नियम तोड़ा जा रहा है.
शिकायत के अनुसार, मुरैना, जौरा, पौरसा, अंबाह, कैलारस, संबलगढ़ और इस्लामपुरा समेत कई क्षेत्रों में करीब 27 अनधिकृत मदरसे संचालित हो रहे हैं. इनमें 556 हिंदू बच्चों को दाखिला दिलाकर धर्मांतरण का प्रयास किया जा रहा है. शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि इन मदरसों के पीछे अवैध विदेशी फंडिंग और राष्ट्र-विरोधी तत्वों की भूमिका हो सकती है.
एनएचआरसी ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश सरकार को जांच के लिए भेजा है. साथ ही, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. आयोग का कहना है कि हिंदू बच्चों को मदरसों में दाखिला देना अनुचित है और मुस्लिम बच्चों को भी बुनियादी शिक्षा के लिए नियमित स्कूलों में भेजा जाना चाहिए.
शिकायतकर्ता ने आयोग से आग्रह किया है कि प्रभावित बच्चों को तुरंत मदरसों से निकालकर सुरक्षित किया जाए और मदरसा संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही उन्होंने इस अवैध धर्मांतरण नेटवर्क को तोड़ने के लिए बहु-एजेंसी उच्च-स्तरीय जांच की भी मांग की है.