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India Daily

एक रील से रातों-रात बना स्टार...बागेश्वर धाम में भजन का वीडियो वायरल होने के बाद इस सिंगर को T-Series और कनाडा से मिला ऑफर

Amit Dhurve Singer: खरगोन के आदिवासी गायक अमित धुर्वे की किस्मत बागेश्वर धाम के मंच पर गाए गए भजन से बदल गई. एक रील के वायरल होने के बाद उन्हें टी-सीरीज से ऑफर और कनाडा से बुलावा मिला. भक्ति संगीत से जुड़ी उनकी यह यात्रा अब अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंच चुकी है.

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Edited By: Km Jaya
 गायक अमित धुर्वे
Courtesy: @bageshwardham x account

Amit Dhurve Singer: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के महेश्वर नगर से आने वाले आदिवासी गायक अमित धुर्वे की जिंदगी एक रील ने पूरी तरह बदल दी. बागेश्वर धाम में मंच से गाए गए उनके भजन ने न केवल वहां मौजूद श्रद्धालुओं को भावविभोर किया बल्कि सोशल मीडिया के जरिए उन्हें देशभर में पहचान दिला दी. इस प्रस्तुति के बाद उन्हें देश की बड़ी म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज से भजन गाने का ऑफर मिला है. इतना ही नहीं, कनाडा से भी उन्हें गाने का निमंत्रण प्राप्त हुआ है.

यह शुरुआत तब हुई जब बागेश्वर धाम के एक सेवादार ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अमित धुर्वे की एक रील दिखाई, जिसमें वह गजल-शैली में भजन गा रहे थे. शास्त्री जी उनकी आवाज से प्रभावित हुए और कुछ ही दिनों में उन्हें नवरात्रि कथा महोत्सव में मंच देने का निर्णय लिया. 22 सितंबर को जब अमित ने बागेश्वर धाम में भजन प्रस्तुत किया, तो धीरेंद्र शास्त्री उनकी प्रतिभा से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मंच पर ही उन्हें आशीर्वाद दिया और आगे बढ़ने का अवसर दिया.

रातों-रात वीडियो हुआ वायरल 

भजन के लाइव प्रसारण के बाद अमित रातों-रात वायरल हो गए. उन्होंने खुद कहा, 'कल तक हम उन चैनलों को मोबाइल पर देखते थे, जिनमें बड़े कलाकार गाते हैं. आज उन्हीं चैनलों पर हमारा भजन दिखाया जा रहा है. यह सब बागेश्वर महाराज की कृपा से संभव हुआ.' भजन की प्रस्तुति के बाद से ही उन्हें बड़े मंचों पर बुलावा आने लगा. संस्कार चैनल के सीईओ मनोज त्यागी ने उन्हें नोएडा स्टूडियो बुलाया और टी-सीरीज ने भी उन्हें ऑफर दिया. बताया जा रहा है कि जल्द ही उनके भजन टी-सीरीज के चैनल पर प्रसारित होंगे. साथ ही, महाराज ने कथा के तीसरे दिन चढ़ोत्री में उन्हें दक्षिणा भी भेंट की.

देखें वीडियो

भजन गाने का मिला बुलावा

अमित धुर्वे का जीवन बेहद साधारण परिवार से शुरू हुआ. उनका परिवार पीढ़ियों से हारमोनियम की मरम्मत का काम करता रहा है. इसी हारमोनियम की तानों के बीच उनकी गायकी ने जन्म लिया. अब वही सुर और भक्ति उन्हें देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक ले जा रहे हैं. कनाडा से उन्हें भजन गाने का बुलावा मिलना उनके करियर की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. आज अमित धुर्वे आदिवासी समाज के लिए प्रेरणा बन गए हैं. उनका कहना है कि भक्ति और लगन से ही सफलता की राह खुलती है. एक रील से शुरू हुई उनकी यात्रा अब देश-विदेश तक पहुंच चुकी है और उन्हें विश्वास है कि बागेश्वर महाराज के आशीर्वाद से वह आगे भी भक्ति संगीत में नई ऊंचाइयों को छुएंगे.