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भोपाल में अचानक धंसी 100 मीटर सड़क, 30 फीट गहरा बना गड्डा; खौफनाक Video आया सामने

Bhopal News: भोपाल के सूखी सेवनिया इलाके में सोमवार दोपहर बड़ा हादसा टल गया जब सड़क का 100 मीटर हिस्सा अचानक धंस गया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सड़क में दरारें पड़ने लगीं और कुछ ही मिनटों में वह लगभग 30 फीट गहराई तक धंस गई. गनीमत रही कि कोई वाहन नहीं था.

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Edited By: Princy Sharma
Bhopal Road Accident
Courtesy: X

Bhopal Road Accident: भोपाल के बाहरी इलाके में सोमवार दोपहर एक भयावह घटना घटी, जिसमें सूखी सेवनिया के पास सड़क का एक बड़ा हिस्सा अचानक धंस गया. सड़क का लगभग 100 मीटर हिस्सा बिना किसी चेतावनी के धंस गया, लेकिन गनीमत रही कि उस समय उस हिस्से पर कोई वाहन नहीं था, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया.

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सड़क अचानक टूटने लगी और कुछ ही मिनटों में एक बड़ा हिस्सा लगभग 30 फीट गहराई तक धंस गया. कल्याणपुरा जा रहे राकेश सोनकर नाम के एक व्यक्ति ने दरारें बनते और सड़क को धंसते हुए देखा. उसने और आसपास के अन्य लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी.

जांच की घोषणा

सूखी सेवनिया पुलिस तुरंत पहुंची और यातायात रोकने के लिए सड़क पर बैरिकेडिंग लगा दी. सड़क के रखरखाव के लिए जिम्मेदार मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) ने अधिकारियों को घटनास्थल का निरीक्षण करने के लिए भेजा और अपने मुख्य अभियंता के नेतृत्व में उच्च-स्तरीय जांच की घोषणा की.

कब बनाई गई थी यह सड़क?

यह सड़क, जो इंदौर, होशंगाबाद, जबलपुर, मंडला और सागर जैसे महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ती है, 2013 में बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मॉडल के तहत बनाई गई थी. हालांकि, 2020 में सड़क बनाने वाली निजी कंपनी का अनुबंध खराब प्रदर्शन के कारण रद्द कर दिया गया, जिससे निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठे.

क्यों हुआ यह हादसा?

ढहा हुआ हिस्सा इंदौर-जबलपुर बाईपास का हिस्सा है और विशेष रूप से एक रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के पास है. अधिकारियों ने कहा कि आरओबी को सहारा देने वाली रिटेनिंग वॉल के एक तरफ के क्षतिग्रस्त होने के कारण यह ढह गई. सड़क का लगभग 50 मीटर हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और 40 फुट चौड़ी सड़क की गहराई लगभग 30 फुट कम हो गई.

पहले भी हो चुकी है यह घटना

यह घटना जुलाई में भोपाल के एमपी नगर के पास हुई इसी तरह की एक और घटना के कुछ ही महीने बाद हुई है, जहां एक सड़क भी ढह गई थी, लेकिन शुक्र है कि कोई हताहत नहीं हुआ. दोनों ही मामलों में, अधिकारियों ने भूमिगत जल प्रवाह या नालों को सड़क की संरचना को कमजोर करने के लिए जिम्मेदार ठहराया.

मंत्री राकेश सिंह ने किया कार्रवाई का वादा

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, जो घटना के समय दिल्ली हवाई अड्डे पर मौजूद थे, ने कहा कि वह स्थिति की बारीकी से समीक्षा करेंगे और पूरी जांच का वादा किया. उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जल्द ही मरम्मत शुरू की जाएगी.

इस बीच, कांग्रेस नेताओं ने घटनास्थल का दौरा किया और विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने भाजपा सरकार पर ऐसी घटिया सड़कों और खराब बुनियादी ढांचे को जारी रहने देने का आरोप लगाया. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे मनोज शुक्ला ने चेतावनी दी कि अगर सड़क ढहने के दौरान उस रास्ते पर कोई बस या ट्रक होता, तो बड़ा हादसा हो सकता था.

शुक्र है कि किसी की जान नहीं गई, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर मध्य प्रदेश में सड़क सुरक्षा और निर्माण मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब आधिकारिक जांच यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि सड़क ढहने का असली कारण क्या था –और क्या इसके लिए लापरवाही या खराब निर्माण जिम्मेदार है.