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India Daily

MP में 18 करोड़ के पुल की 'खराब डिजाइन' बनाने को लेकर 7 इंजीनियर निलंबित, जानिए क्या हुई गलती?

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक नए रेल ओवरब्रिज (ROB) की खराब डिजाइन को लेकर राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई की है. अजीबोगरीब 90 डिग्री मोड़ वाले इस ब्रिज पर लोगों की आलोचना के बाद सात इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही एक सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Bridge
Courtesy: WEB

भोपाल के ऐशबाग इलाके में बने इस ओवरब्रिज की डिजाइन को लेकर स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया यूज़र्स ने सवाल उठाए हैं। खासतौर पर इसके 90 डिग्री मोड़ को लेकर यह चिंता जताई जा रही है कि वहां से वाहन कैसे सुरक्षित रूप से गुजर सकेंगे. इस पुल का निर्माण करीब 18 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था और इसका उद्देश्य महामाई का बाग, पुष्पा नगर और स्टेशन क्षेत्र को न्यू भोपाल से जोड़ना था.

जमीन की कमी ने बिगाड़ी योजना

इस ब्रिज की गड़बड़ डिजाइन के पीछे ज़मीन की कमी और पास ही मेट्रो स्टेशन की मौजूदगी को कारण बताया गया है. निर्माण से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यदि थोड़ी और भूमि उपलब्ध हो जाती, तो इस तीखे मोड़ को एक सामान्य वक्राकार में बदला जा सकता था. अब PWD की एक समिति इस मोड़ को सुरक्षित बनाने के उपाय तलाश रही है.

सात इंजीनियर सस्पेंड, निर्माण एजेंसी ब्लैकलिस्ट

मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर सात इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जिनमें दो मुख्य यंत्री, दो कार्यपालन यंत्री, एक उपविभागीय अधिकारी, एक उपयंत्री और एक सहायक यंत्री शामिल हैं. इनके नाम- संजय खांडे, जी. पी. वर्मा, जावेद शकील, शबाना रज्जाक, रवि शुक्ला, उमाशंकर मिश्रा और शानुल सक्सेना हैं. साथ ही, सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री एम. पी. सिंह के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी. इसके अलावा, निर्माण कार्य से जुड़ी एजेंसी और डिजाइन कंसल्टेंट को भी सरकार ने ब्लैकलिस्ट कर दिया है. आर्किटेक्ट फर्म 'एम/एस पुनीत चड्ढा' और डिजाइन कंसल्टेंट 'एम/एस डायनामिक कंसल्टेंट' को प्रतिबंधित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सुधार के बाद ही इस ब्रिज का उद्घाटन किया जाएगा.