ओडिशा के पुरी में श्रीगुंडिचा मंदिर के पास रविवार तड़के रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया. इस दुखद घटना में कम से कम तीन लोगों की जान चली गई, जबकि 50 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए. घायलों को तत्काल पुरी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां छह लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. इस हादसे के बाद ओडिशा सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया और पुरी के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया.
मुख्यमंत्री ने मांगी माफी, 25 लाख के मुआवजे का ऐलान
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया मंच X पर लिखा, “मैं और मेरी सरकार सभी जगन्नाथ भक्तों से माफी मांगते हैं. भगदड़ में अपनी जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति हम अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. महाप्रभु जगन्नाथ से हमारी प्रार्थना है कि वे उन्हें इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें.” उन्होंने सुरक्षा चूक की तत्काल जांच के आदेश दिए और कहा, “यह लापरवाही अक्षम्य है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.” सीएम ने प्रत्येक पीड़ित के परिजनों और आश्रितों के लिए 25-25 लाख रुपए की सहायता राशि का भी ऐलान किया.
नए अधिकारियों की नियुक्ति
सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ एस. स्वैन और पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल का तबादला कर दिया. वरिष्ठ अधिकारी पिनाक मिश्रा को नया पुलिस अधीक्षक और खुर्दा के कलेक्टर चंचल राणा को पुरी का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही पुरी के डीसीपी बिष्णु चरण पति और पुलिस कमांडेंट अजय पाधी को निलंबित कर दिया गया.
विपक्ष ने सरकार को घेरा
विपक्ष ने इस हादसे को सरकार की नाकामी करार दिया. बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने X पर लिखा, “रथयात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन की घोर नाकामी के ठीक एक दिन बाद आज की भगदड़ ने शांतिपूर्ण उत्सव सुनिश्चित करने में सरकार की अक्षमता को उजागर कर दिया है.” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस घटना को लापरवाही और कुप्रबंधन का परिणाम बताया और कहा कि यह माफी के लायक नहीं है.
जांच में जुटी पुलिस
कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बताया कि पुलिस महानिदेशक (DGP) इस मामले की जांच कर रहे हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भीड़ के उमड़ने और प्रबंधन में चूक की जांच की जा रही है. यह हादसा सुबह करीब 4 बजे तब हुआ, जब सैकड़ों श्रद्धालु रथ यात्रा देखने मंदिर के पास पहुंचे और भीड़ अनियंत्रित हो गई.