कर्नाटक के रायचूर जिले के मास्की कस्बे में हुई खुदाई में वैज्ञानिकों ने 4,000 साल पुरानी सभ्यता के अवशेष खोज निकाले हैं. इस ऐतिहासिक खोज ने वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है. खुदाई के दौरान यहां से प्राचीन बर्तन, कड़ाही, औजार और रहस्यमयी कलाकृतियां मिली हैं, जो यह संकेत देती हैं कि यहां हजारों साल पहले मानव जीवन मौजूद था.
यह खुदाई मल्लिकार्जुन पहाड़ी और अंजनेय स्वामी मंदिर के आसपास की गई, जिसमें अमेरिका, कनाडा और भारत के वैज्ञानिक शामिल थे. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एंड्रयू एम बोवर, कनाडा की मैकगिल यूनिवर्सिटी के पीटर जी जोहानसन और भारत के नोएडा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेमंत कदंबी ने करीब 20 विशेषज्ञों की टीम के साथ मिलकर यह ऐतिहासिक कार्य किया. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से अनुमति मिलने के बाद इस क्षेत्र में खुदाई शुरू की गई थी.
खुदाई में जो वस्तुएं सामने आई हैं, वे 11वीं से 14वीं शताब्दी ईसा पूर्व की मानी जा रही हैं. इनमें रसोई के बर्तन, कड़ाही और औजार शामिल हैं, जो प्राचीन मानव जीवन और उनकी संस्कृति की झलक देते हैं. इससे पहले साल 1915 में भी इसी क्षेत्र में खुदाई के दौरान एक गुफा में शिलालेख मिला था, जिसमें मौर्य सम्राट अशोक की शाही उपाधि “देवानामप्रिय” (देवताओं का प्रिय) का उल्लेख था. यह शिलालेख मौर्य काल के शुरुआती प्रमाणों में से एक माना जाता है.
इस ताजा खोज ने मास्की को फिर से पुरातात्विक मानचित्र पर प्रमुखता से ला खड़ा किया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां पर और भी गहन खुदाई से मानव इतिहास के और रहस्य उजागर हो सकते हैं. यह खोज भारत के प्राचीन इतिहास और सभ्यता की समझ को और समृद्ध करती है.