Ektaa Kapoor: भारत सरकार ने अश्लील कंटेंट को बढ़ावा देने के लिए 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया है. मशहूर फिल्म मेकर और टीवी प्रोड्यूसर एकता कपूर ने बैन ऐप ALTT से अपने रिश्तों को लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया है. इस बयान में उन्होंने साफ किया कि वह और उनकी मां शोभा कपूर जून 2021 से ALTT से किसी भी तरह से जुड़ी नहीं हैं. 25 जुलाई 2025 को, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने अश्लील कंटेंट प्रसारित करने के लिए ALTT, ULLU, डेसिफ्लिक्स, और 22 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को बैन कर दिया.
इस खबर के बाद ALTT को एकता कपूर के स्वामित्व से जोड़कर कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आईं. इन दावों का खंडन करते हुए एकता ने इंस्टाग्राम पर एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, 'मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं कि अधिकारियों के ALTT को बंद कर दिया गया है, लेकिन इन खबरों के विपरीत, सुश्री एकता कपूर और श्रीमती शोभा कपूर किसी भी तरह से ALTT से जुड़ी नहीं हैं और उन्होंने जून 2021 में ही ALTT से अपने संबंध तोड़ लिए थे.'
अपनी पोस्ट में एकता कपूर ने कहा, 'इन जानकारी के विपरीत किसी भी तरह के आरोप का पुरजोर खंडन किया जाता है और मीडिया से अनुरोध है कि वह सही तथ्य प्रस्तुत करें.' एकता ने यह भी बताया कि बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड, जो बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध है, एक पेशेवर मीडिया संगठन है और 20 जून 2025 से एएलटी डिजिटल मीडिया एंटरटेनमेंट लिमिटेड के विलय के बाद ALTT का संचालन कर रहा है.
एकता ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड सभी लागू कानूनों का पूरी तरह से पालन करता है और कॉर्पोरेट प्रशासन के उच्चतम मानकों के साथ अपना व्यवसाय संचालित करता है. उन्होंने कहा, 'बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड सभी लागू कानूनों का पूरी तरह से पालन करता है और कॉर्पोरेट प्रशासन के उच्चतम मानकों के साथ अपना व्यवसाय संचालित करना जारी रखता है.' इस बयान के साथ, एकता ने ALTT के संचालन और उसकी सामग्री से अपनी दूरी को स्पष्ट किया.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 25 जुलाई 2025 को 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और उनकी वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया. इन प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट और सॉफ्ट पोर्न सामग्री प्रसारित करने का आरोप था, जो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (धारा 67 और 67A), भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 294, और महिलाओं का अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 4 का उल्लंघन करती थी.