कर्नाटक के गोकर्ण के जंगलों से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक रूसी महिला अपनी दो मासूम बेटियों के साथ एक खतरनाक गुफा में रह रही थी. उसका दावा था कि वह शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर होकर ध्यान और प्रार्थना के लिए एकांत की तलाश में यहां आई थी. यह मामला तब सामने आया जब पुलिस ने क्षेत्र में गश्त के दौरान जंगल के भीतर हलचल देखी.
पुलिस ने जांच में पाया कि महिला बिना पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम के एक खतरनाक जगह पर रह रही थी, जहाँ पहले भूस्खलन हो चुका था और जहरीले सांप जैसे वन्य जीवों का खतरा था. इस पूरे मामले में आध्यात्मिकता, सुरक्षा और विदेशी वीजा नियमों का अनोखा मेल देखने को मिला है.
रूसी महिला नीना कुटीना ने बताया कि वह गोवा से गोकर्ण केवल ध्यान और प्रार्थना के लिए आई थी. उसने रामतीर्थ पहाड़ी की एक खतरनाक गुफा को अपना ठिकाना बना लिया था, जहाँ वह अपनी दो बेटियों – प्रेमा (6 वर्ष 7 महीने) और अमा (4 वर्ष) के साथ रह रही थी. उसका इरादा भले ही आध्यात्मिक था, लेकिन यह जगह बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक मानी जाती है.
9 जुलाई की शाम गोकर्ण पुलिस जब पहाड़ी क्षेत्र में गश्त कर रही थी, तब उन्होंने जंगल के भीतर हलचल देखी और वहां पहुँचकर इस परिवार को पाया. महिला की काउंसलिंग के बाद उसे वहां से सुरक्षित बाहर निकाला गया. नीना के आग्रह पर उसे कुमटा के बंकिकोडला गाँव के एक आश्रम में स्थानांतरित किया गया, जो कि स्वामी योगरत्न सरस्वती नाम की साध्वी द्वारा संचालित है.
पूछताछ के दौरान महिला ने अपने पासपोर्ट और वीज़ा की जानकारी देने से पहले हिचकिचाहट दिखाई. बाद में तलाशी अभियान में उसके दस्तावेज जंगल से बरामद हुए. जांच में सामने आया कि नीना का बिजनेस वीज़ा 2017 में वैध था, लेकिन उसकी वैधता समाप्त हो चुकी थी और वह 2018 में दोबारा भारत आई थी.