यह घटना 24 जून को सामने आई जब शिवमोग्गा के एक हाई-सिक्योरिटी जेल में बंद 30 वर्षीय कैदी दौलत उर्फ गुंडा ने पेट में तेज दर्द की शिकायत की. पूछताछ में उसने बताया कि उसने कुछ निगल लिया है. जब उसे इलाज के लिए सरकारी मैकगन अस्पताल ले जाया गया, तो एक्स-रे रिपोर्ट में सामने आया कि उसके पेट में मोबाइल फोन है. ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने फोन को सफलतापूर्वक बाहर निकाला.
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जेल में 10 साल की सजा काट रहे कैदी दौलत ने जेल स्टाफ को खुद बताया कि उसने कुछ निगल लिया है. जिसकी वजह से उसे असहनीय पेट दर्द हो रहा है. जब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया तो एक्स-रे में यह साफ हो गया कि उसके पेट में एक मोबाइल फोन है, जिसकी लंबाई करीब 3 इंच और चौड़ाई 1 इंच थी. डॉक्टरों ने उसकी सहमति से सर्जरी कर फोन को बाहर निकाला और उसे 8 जुलाई को जेल अधिकारियों को सीलबंद लिफाफे में सौंप दिया.
इस हैरान कर देने वाली घटना के बाद जेल अधिकारी रंगनाथ पी ने तुंगानगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने कैदी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. साथ ही यह जांच शुरू हो गई है कि आखिर इतनी सख्त निगरानी के बावजूद मोबाइल फोन जेल के अंदर कैसे पहुंचा. शक जताया जा रहा है कि जेल कर्मचारियों की मिलीभगत से यह फोन अंदर लाया गया होगा.
पुलिस और जेल प्रशासन की संयुक्त टीम अब जेल के अंदर की सुरक्षा व्यवस्था की जांच कर रही है. यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि क्या किसी कर्मचारी ने कैदी की मदद की थी या फिर जेल में कोई सुरक्षा चूक हुई. CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं और जेल स्टाफ से पूछताछ भी की जा रही है. यह भी देखा जा रहा है कि क्या पहले भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं जिन्हें छुपा लिया गया हो.