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Karnataka Politics: कर्नाटक में सियासी हलचल हुई तेज, विधायकों ने की सिद्धारमैया को हटाने की मांग; जानें क्या है वजह

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार आंतरिक कलह का सामना कर रही है. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के करीबी विधायकों ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हटाकर शिवकुमार को सीएम बनाने की मांग की है. उनका दावा है कि करीब 100 विधायक बदलाव के पक्ष में हैं और यदि नेतृत्व में बदलाव नहीं हुआ तो कांग्रेस 2028 में सत्ता गंवा सकती है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Chief Minister Siddaramaiah
Courtesy: Social Media

Karnataka Politics: कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के भीतर गंभीर राजनीतिक उठापटक के संकेत मिल रहे हैं. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के करीबी विधायकों ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पद से हटाने की मांग तेज कर दी है. इन विधायकों का कहना है कि अगर नेतृत्व में बदलाव नहीं किया गया, तो पार्टी 2028 के विधानसभा चुनावों में सत्ता गंवा सकती है.
 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के एक वरिष्ठ विधायक, जो शिवकुमार के कट्टर समर्थक माने जाते हैं, ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि पार्टी के भीतर लगभग 100 विधायक “परिवर्तन” के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा, “हम पार्टी नेतृत्व को साफ संदेश देना चाहते हैं कि अगर अभी नेतृत्व में बदलाव नहीं हुआ, तो हमें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. 2028 में सत्ता में वापसी मुश्किल हो जाएगी.”

कई क्षेत्रीय नेताओं की हो रही अनदेखी

विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का नेतृत्व “एकांगी” है और इससे कई क्षेत्रीय नेताओं की अनदेखी हो रही है. उन्होंने सुझाव दिया कि डीके शिवकुमार को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री बनाया जाए, जिससे सरकार और संगठन में नया उत्साह आए.

राज्य की राजनीति में हलचल 

इस बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है. हालांकि डीके शिवकुमार ने अब तक सार्वजनिक रूप से इस मांग पर कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन उनके समर्थक विधायकों की लगातार बयानबाज़ी यह दर्शाती है कि अंदरूनी असंतोष गहराता जा रहा है.

सिद्धारमैया ने साधी चुप्पी 

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक वे कांग्रेस हाईकमान से इस मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं. पार्टी नेतृत्व, विशेषकर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे, इस स्थिति को लेकर सतर्क हैं और फिलहाल सार्वजनिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं.

केंद्र की राजनीति पर पड़ेगा असर 

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह संकट नहीं सुलझा, तो कांग्रेस की एकजुटता पर बड़ा सवाल खड़ा हो सकता है. कर्नाटक जैसे बड़े और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य में नेतृत्व संकट, केंद्र की राजनीति पर भी असर डाल सकता है. वर्तमान में सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता साझा करने का एक "गैंट्रीमेंट" (सहमति) समझौता होने की चर्चा थी, लेकिन उस पर अब तक कोई स्पष्टता नहीं आई है.