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India Daily

कर्नाटक: CM कुर्सी की खींचतान के बीच सिद्धारमैया का बड़ा दांव, हर विधायक को दिया 50 करोड़ का फंड

निर्वाचन क्षेत्र निधि में देरी को लेकर कांग्रेस विधायकों और सहयोगियों के कई सप्ताह के असंतोष और दबाव के बाद, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विकास परियोजनाओं के लिए प्रत्येक विधायक को 50 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दे दी है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Chief Minister Siddaramaiah
Courtesy: X@siddaramaiah

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रत्येक विधायक के लिए 50 करोड़ रुपये के विकास अनुदान को मंजूरी दी है. यह निर्णय कई हफ्तों की आंतरिक चर्चाओं और कांग्रेस विधायकों के बढ़ते दबाव के बाद लिया गया है, जिन्होंने अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए धन की कमी की शिकायत की थी. यह कदम राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस विधायकों ने बेंगलुरु में पार्टी कार्यालय में राज्य प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ एक-एक करके कई बैठकें कीं. इन बैठकों में विधायकों ने विकास कार्यों के लिए वित्तीय सहायता की कमी पर चिंता जताई. उन्होंने बताया कि धन के अभाव में उनके विधानसभा क्षेत्रों में सड़कें, पुल और अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएँ रुकी हुई हैं.

कांग्रेस विधायकों की शिकायतें और बैठकों का दौर

वहीं, कांग्रेस प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के साथ बेंगलुरु और दिल्ली में अलग-अलग बैठकों में उठाया. कई दौर की चर्चाओं के बाद, मुख्यमंत्री ने राज्य बजट में प्रस्तावित इस लंबित आवंटन को मंजूरी दी. अब प्रत्येक विधायक को अपने क्षेत्र के लिए 50 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो सड़कों और पुलों जैसे बुनियादी ढांचे के लिए उपयोग किए जाएंगे.

स्वतंत्र विधायक की चिंता: ग्रामीण क्षेत्रों की अनदेखी

बीते 17 जुलाई को, कांग्रेस समर्थित स्वतंत्र विधायक दर्शन पुट्टनय्या, जो मांड्या जिले के मेलुकोटे का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने इस अनुदान को अपर्याप्त बताया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए यह राशि काफी नहीं है. पांच गारंटी योजनाओं के वित्तीय दबाव को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा, "आपको वित्तीय स्थिति पता है और हमें धन क्यों नहीं मिल रहा. अब उन्होंने पैसे दिए हैं, लेकिन हमें और धन चाहिए. यह पर्याप्त नहीं है, आप जानते हैं कि कितने गाँवों में सड़कें और नालियाँ नहीं हैं. 236 गाँव हैं और प्रत्येक के लिए 5-10 करोड़ रुपये चाहिए. यह पैसा गारंटी योजनाओं में भी जा रहा है. हमें दोनों को साथ-साथ करना होगा, लेकिन यह संभव नहीं हो रहा.

"विधायक राजू कागे का इस्तीफे की धमकी

पिछले महीने, कागवाड से कांग्रेस विधायक राजू कागे ने विकास कार्यों में देरी के कारण इस्तीफे की धमकी दी थी. उन्होंने राज्य प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाया और बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा दो साल पहले मंजूर किए गए 25 करोड़ रुपये के विशेष अनुदान के बावजूद, एक भी कार्य आदेश जारी नहीं हुआ. कागे ने निराशा जताते हुए कहा, "मैं इतना निराश हूँ कि मैं अगले दो दिनों में मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप सकता हूँ.

"विकास और स्थानीय चुनावों पर प्रभाव

इस अनुदान की समय पर मंजूरी से कांग्रेस विधायक दल में असंतोष को कम करने में मदद मिलेगी. कुछ विधायकों ने सरकार की देरी की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी. यह कदम न केवल बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि राज्य में होने वाले निकाय और स्थानीय चुनावों से पहले जमीनी स्तर पर विकास कार्यों को गति देगा.