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Jharkhand Weather Update: झारखंड में बारिश का कहर, रांची से जमशेदपुर तक ऑरेंज अलर्ट, वज्रपात का खतरा!

मौसम विभाग का कहना है कि झारखंड और आसपास के क्षेत्रों में बना दबाव क्षेत्र धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है. इस कारण 27 और 28 जुलाई को भी कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है.

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Edited By: Reepu Kumari
Weather
Courtesy: Pinterest

Jharkhand Weather Update: झारखंड में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है और इस बार चेतावनी कुछ ज्यादा ही गंभीर है. मौसम विभाग ने शनिवार को राज्य के कई जिलों में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी जारी की है. खासकर रांची, जमशेदपुर, चाईबासा और आसपास के इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इसके साथ ही कुछ अन्य जिलों में भी भारी बारिश का येलो अलर्ट घोषित किया गया है.

पिछले कुछ दिनों में बारिश की रफ्तार और वज्रपात की घटनाएं दोनों ही बढ़ी हैं. शुक्रवार को पलामू में वज्रपात से तीन लोगों की जान चली गई. ऐसे में लोगों से अपील की गई है कि जब भी बादल गरजें या बिजली चमके, तुरंत सुरक्षित स्थान पर शरण लें. बारिश का यह सिलसिला 30 जुलाई तक जारी रह सकता है.

इन जिलों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, पश्चिम सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं गढ़वा, पलामू, लातेहार, लोहरदगा, देवघर, दुमका और जामताड़ा जैसे जिलों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है. लोगों को advised किया गया है कि बिजली की गर्जन और तेज बारिश के समय खुले में न रहें.

लगातार बरसेंगे बादल, 30 जुलाई तक अलर्ट

मौसम विभाग का कहना है कि झारखंड और आसपास के क्षेत्रों में बना दबाव क्षेत्र धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है. इस कारण 27 और 28 जुलाई को भी कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है. कुछ इलाकों में जलभराव और बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं.

कहां-कितनी हुई बारिश, क्या रहा अब तक का हाल

शुक्रवार को सबसे ज्यादा बारिश सिमडेगा में 50 मिमी दर्ज की गई. वहीं चाईबासा में 30 मिमी, मेदिनीनगर में 16 मिमी, जमशेदपुर में 12 मिमी और रांची में सिर्फ 1 मिमी बारिश हुई. हालांकि पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जैसे जिलों के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया गया था, जिससे साफ है कि खतरा अभी टला नहीं है.