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डीके शिवकुमार या फिर CM सिद्धारमैया, किसके साथ हैं कांग्रेस के ज्यादा MLA, जानें किसका पलड़ा है भारी?

कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सत्ता संतुलन को लेकर विवाद बढ़ गया है. अहिंदा और वोक्कालिगारा समुदायों ने अपने पसंदीदा नेताओं के पक्ष में खुलकर बयान दिए हैं.

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Edited By: Km Jaya
Siddaramaiah vs DK India daily
Courtesy: @Kkumarbandhu X account

बेंगलुरु: कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी सियासी खींचतान और तेज हो गई है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता संतुलन को लेकर उठी चर्चा अब जातीय समूहों और समुदायों तक पहुंच चुकी है. इन समूहों ने खुलकर अपने पसंदीदा नेता को समर्थन दिया है और कांग्रेस आलाकमान को चेतावनी भी दी है. इसी बीच रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि फिलहाल सिद्धारमैया का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है.

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान सिद्धारमैया को हटाने के मूड में नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक सिद्धारमैया एक बड़े ओबीसी समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्हें अहिंदा समुदाय के साथ पार्टी के सौ से ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है. कांग्रेस के पास कुल 137 विधायक हैं और इतने बड़े समर्थन को नजरअंदाज करना आलाकमान के लिए आसान नहीं होगा. 

रिपोर्ट में क्या आया सामने?

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ढाई साल के सीक्रेट पावर शेयरिंग फॉर्मूले पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. उधर, शिवकुमार की ओर से समर्थक लगातार दबाव बना रहे हैं. माना जा रहा था कि सिद्धारमैया कैबिनेट फेरबदल करना चाहते थे लेकिन शिवकुमार खेमे की सक्रियता के कारण यह कदम फिलहाल टल सकता है. हालांकि अंदरूनी समर्थन की कमजोरी के कारण शिवकुमार की दावेदारी उतनी मजबूत नहीं मानी जा रही है. वोक्कालिगारा समुदाय शिवकुमार का प्रमुख समर्थन समूह माना जाता है.

कांग्रेस को क्या दी है चेतावनी?

सिद्धारमैया और शिवकुमार, दोनों खेमों के समर्थन में जाति समूह खुलकर सामने आ गए हैं. कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग समुदाय महासंघ ने कांग्रेस को चेतावनी दी है कि सिद्धारमैया को हटाने की किसी भी कोशिश से पार्टी को नुकसान होगा. महासंघ का कहना है कि अहिंदा समुदाय इस तरह के घटनाक्रम से बेहद दुखी है और किसी भी बदलाव का कड़ा विरोध करेगा. महासंघ ने कहा कि दलित और पिछड़े वर्ग समुदाय धमकियों से नहीं डरेंगे और अपने नेता के साथ खड़े रहेंगे.

संघ के अध्यक्ष एल. श्रीनिवास ने क्या कहा?

दूसरी तरफ वोक्कालिगारा संघ के अध्यक्ष एल. श्रीनिवास ने शिवकुमार के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है. संघ ने कहा कि शिवकुमार ने विधानसभा चुनाव के दौरान मेहनत की और कांग्रेस को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई. संगठन ने आलाकमान से कहा कि शिवकुमार को उनकी मेहनत का ईनाम दिया जाए. संघ का यह भी कहना है कि सत्ता साझा करने के कथित समझौते को लेकर जनता में सवाल उठ रहे हैं कि क्या सिद्धारमैया समय आने पर जिम्मेदारी सौंपेंगे या नहीं.

दोनों पक्षों की बयानबाजी और चेतावनियों के बीच कर्नाटक की राजनीति में तनाव बढ़ता जा रहा है. आलाकमान की ओर से अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन संकेत साफ हैं कि फिलहाल फैसला टल सकता है. राज्य सरकार के भीतर यह खींचतान कांग्रेस के लिए चुनौती बनती जा रही है.