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'जहरीली गाय' का शिकार करने पर बाघिन और 4 शावकों की मौत, 3 आरोपी गिरफ्तार

कर्नाटक के चामराजनगर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है. यहां एक बाघिन और उसके चार मासूम शावकों की जहर से मौत हो गई और अब इस घटना का सच सामने आया है कि यह कोई हादसा नहीं, बल्कि बदले की दर्दनाक साजिश थी.

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Edited By: Princy Sharma
Karnataka
Courtesy: Pinterest

Karnataka: कर्नाटक के चामराजनगर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है. यहां एक बाघिन और उसके चार मासूम शावकों की जहर से मौत हो गई और अब इस घटना का सच सामने आया है कि यह कोई हादसा नहीं, बल्कि बदले की दर्दनाक साजिश थी.

जिला वन अधिकारियों के अनुसार, एक किसान 'मादुराजू' ने अपनी गाय 'केन्ची' के मारे जाने से गुस्से में आकर उसकी लाश पर जहर छिड़क दिया. जब बाघिन ने उस मरी हुई गाय का मांस खाया, तो उसकी तुरंत मौत हो गई. कुछ समय बाद बाघिन के चार मासूम शावक भी उसी जहर मिले मांस को खाकर मर गए. यह भयानक घटना चामराजनगर जिले के माले महादेवेश्वर हिल्स के हुग्यम फॉरेस्ट रेंज में हुई.

तीन आरोपी गिरफ्तार

जांच के बाद मादुराजू, उसके दोस्त कोनप्पा और नागराजू को इस नृशंस घटना के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. तीनों को पूछताछ के लिए हनूर तालुक के 'अरण्य भवन' ले जाया गया है. वन अधिकारियों के मुताबिक, पहले बाघिन अकेले मरी गाय को खाने आई थी, लेकिन फिर अपने चार शावकों को भी साथ लेकर दोबारा लौटी. सबने मांस खाया और धीरे-धीरे सभी की जहर से तड़प-तड़प कर मौत हो गई.

आरोपी के पिता ने लिया था झूठा इल्जाम अपने सिर

दिलचस्प बात यह है कि मादुराजू के पिता शिवन्ना ने शुरुआत में पुलिस से कहा था कि बाघों की हत्या उन्होंने की है, लेकिन जब पूरी जांच की गई, तो सच्चाई सामने आ गई कि हत्या मादुराजू और उसके साथियों की साजिश थी. इस घटना से पूरे कर्नाटक में आक्रोश फैल गया. विपक्षी भाजपा ने सरकार पर वन्यजीव सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना की रिपोर्ट मांगी है, वहीं वन मंत्री ईश्वर खांडरे ने कहा है कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा.

कर्नाटक में देश के सबसे ज्यादा बाघ

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक में 563 बाघ हैं, जो मध्य प्रदेश के बाद देश में सबसे ज्यादा हैं. ऐसे में इस तरह की घटना वन्य जीवन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है.