Jharkhand Weather Update: झारखंड में सितंबर का महीना लोगों के लिए मुश्किलें लेकर आया है. मानसून के एक बार फिर एक्टिव होते ही पूरे राज्य में मूसलाधार बारिश का कहर देखने को मिल रहा है. शुक्रवार को जहां केवल दक्षिणी जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया था, वहीं दोपहर के बाद अचानक पूरे राज्य में मानो बादल फट पड़े. रांची में हालात इतने खराब हो गए कि सड़कों पर चलना तक मुश्किल हो गया और जगह-जगह पानी भर गया.
लोहरदगा, खूंटी और आसपास के जिलों में भी भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया. रांची मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक भारी बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया है. इस बीच, वज्रपात और जलभराव से अब तक 3-4 लोगों की मौत की खबर सामने आ चुकी है.
शुक्रवार को रांची में इतनी तेज बारिश हुई कि सड़कें मिनी समुद्र जैसी दिखने लगीं. अपर बाजार इलाके में कारें पानी में तैरती नजर आईं और कई साइकिलें डूब गईं. जलभराव के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया और लोगों को घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ा.
लोगों ने बताया कि शहर के कई निचले इलाकों में घरों में पानी घुस गया. वीडियो और तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कारें सड़कों पर बहते पानी में तैर रही थीं. बारिश के साथ वज्रपात भी हुआ, जिससे 3-4 लोगों की मौत की खबर सामने आई है.
मौसम विभाग ने बताया कि समुद्र तल पर बना मानसून ट्रफ श्रीगंगानगर, बरेली, बाराबंकी, डेहरी, पुरुलिया और दीघा से होते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है. वहीं, दक्षिणी ओडिशा और तटीय आंध्रप्रदेश में बना अपर एयर साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी झारखंड की ओर बढ़ रहा है, जिससे राज्यभर में भारी बारिश हो रही है.
पूर्वी सिंहभूम में सबसे ज्यादा बारिश
रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे अधिक 58.4 मिलीमीटर वर्षा पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ में दर्ज की गई. वहीं, सरायकेला में अधिकतम तापमान 36.7 डिग्री और लातेहार में न्यूनतम 20.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.
मौसम विभाग ने 13 से 15 सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. इस दौरान 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और वज्रपात होने की आशंका है. पूरे राज्य में येलो अलर्ट लागू कर दिया गया है.
भारी बारिश से खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं. किसानों को आशंका है कि लंबे समय तक बारिश जारी रही तो धान और मक्का जैसी फसलों को भारी नुकसान हो सकता है. वहीं, आम लोगों के लिए जलभराव और यातायात की समस्या बड़ी चुनौती बन गई है.
कई जिलों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है. ग्रामीण इलाकों में संचार नेटवर्क भी प्रभावित हुआ है. लोग घंटों तक बिजली और इंटरनेट सेवा से वंचित रहे.
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें. निचले इलाकों में रहने वालों को सतर्क रहने और वज्रपात से बचने के लिए खुले स्थानों से दूर रहने की सलाह दी गई है.