Jharkhand Achievement: देश के नए उपराष्ट्रपति के लिए सीपी राधाकृष्णन ने चुनाव में जीत हासिल की है ऐसे में उनकी इस जीत के साथ झारखंड के इतिहास में एक अनोखी उपलब्धि जुड़ गई है. अब देश के दो सबसे बड़े संवैधानिक पद, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, दोनों ही ऐसे व्यक्तियों के पास हैं जो कभी झारखंड के राज्यपाल रह चुके हैं. द्रौपदी मुर्मू और सीपी राधाकृष्णन की यह यात्रा राज्य के लिए गर्व का क्षण बन गई है.
वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झारखंड की 9वीं राज्यपाल रहीं. उनकी सादगी और मजबूत नेतृत्व क्षमता ने उन्हें देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद दिलाया. वहीं, हाल ही में एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर उपराष्ट्रपति चुने गए सीपी राधाकृष्णन झारखंड के 11वें राज्यपाल रहे. उनके कार्यकाल में कई अहम राजनीतिक घटनाएं हुईं, जिनमें हेमंत सोरेन का जेल जाना और चंपाई सोरेन का मुख्यमंत्री पद संभालना शामिल है.
सीपी राधाकृष्णन अपने सख्त प्रशासनिक रवैये और शिक्षा सुधारों के लिए भी जाने गए. उन्होंने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए कई अहम विधेयकों को कानूनी सलाह के बाद राज्य सरकार को वापस भेजा. इनमें 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति और आरक्षण सीमा बढ़ाने जैसे बड़े विधेयक शामिल थे. वहीं, वित्त विधेयक और कोर्ट फीस संशोधन विधेयक को मंजूरी भी प्रदान की गई.
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इस उपलब्धि पर खुशी का माहौल है. विश्व हिंदू परिषद के झारखंड-बिहार क्षेत्र मंत्री डॉ. वीरेंद्र साहू ने कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में देश को उत्कृष्ट नेतृत्व मिलेगा. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने बधाई देते हुए कहा कि यह झारखंड के लिए गर्व की बात है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों का नाता राज्य की धरती से रहा है. उन्होंने विश्वास जताया कि राधाकृष्णन का अनुभव लोकतांत्रिक परंपराओं को और मजबूत करेगा. विधायक सीपी सिंह ने भी खुशी जाहिर की और कहा कि राधाकृष्णन के संवैधानिक अनुभव का लाभ पूरे देश को मिलेगा. उन्होंने इसे झारखंड के लिए सौभाग्य का क्षण बताया कि एक ही राज्य से जुड़े दो नेताओं ने देश के सर्वोच्च पदों तक पहुंच बनाई है.