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इस राज्य में गुटखा और पान मसाला खाना और बेचना बैन, सरकार ने जारी किए सख्त निर्देश

झारखंड सरकार ने गुटखा और पान मसाला पर एक साल तक का प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पर रोक रहेगी. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि ये कदम कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए उठाया गया है, खासकर युवाओं के लिए.

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Edited By: Princy Sharma
Ban Gutka Pan Masala
Courtesy: Pinterest

Ban Gutka Pan Masala: झारखंड राज्य सरकार ने तंबाकू और निकोटिन युक्त गुटखा एवं पान मसाला पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. अब राज्य में न तो इसका निर्माण, भंडारण, वितरण और न ही बिक्री की जाएगी. यह कदम राज्य के लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को इस संदर्भ में एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि यह प्रतिबंध एक साल के लिए लागू किया गया है. इसके बाद, अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो इसे और बढ़ाया भी जा सकता है.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस निर्णय पर कहा कि राज्य के लोगों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही या खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनका कहना था कि गुटखा और पान मसाले से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है, खासकर हमारे युवा वर्ग में. चिकित्सक होने के नाते वे जानते हैं कि ये पदार्थ किस हद तक शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. 

सख्त कानूनी कार्रवाई 

स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि अब गुटखा और पान मसाला बेचने, भंडारण करने या इसका सेवन करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. राज्य में गुटखा माफिया और अवैध कारोबारियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी. अगर किसी दुकान, गोदाम या व्यक्ति के पास गुटखा पाया जाता है, तो न केवल सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, बल्कि संबंधित गोदाम भी सील कर दिए जाएंगे. इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को इस आदेश का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं.

झारखंड को गुटखा मुक्त बनाने की योजना

स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि उन्हें महिलाओं से लगातार यह गुहार मिल रही थी कि उनके बच्चे और भाई गुटखा और पान मसाले के कारण नशे की गिरफ्त में फंसकर अपना जीवन नष्ट कर रहे हैं. इसीलिए इस फैसले को गंभीरता से लिया गया और इसे लागू किया गया. मंत्री ने राज्य की जनता और अधिकारियों से अपील की है कि वे इस निर्णय को एक चुनौती के रूप में लें और झारखंड को गुटखा मुक्त बनाने में सहयोग करें. 

इसके अलावा, राज्य सरकार ने एक और अहम फैसला लिया है. अब विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों को शोध और नवाचार के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए झारखंड स्टूडेंट रिसर्च एंड इनोवेशन पालिसी-2025 लागू की जाएगी. इस नीति पर चर्चा के लिए मंगलवार को एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें विश्वविद्यालयों के कुलपति और शिक्षाविदों से विचार-विमर्श होगा.