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दिल्ली में सोमवार का वायु प्रदूषण सबसे खराब दिनों में एक, दोपहर बाद फिर आना बंद हो गया AQI का डेटा

दिल्ली सोमवार को घने धुएं और धुंध की चादर में लिपटी रही, लेकिन सबसे बड़ी चिंता तब बढ़ी जब दोपहर के बाद से एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का डेटा ही आना बंद हो गया.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
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Courtesy: ani

दिल्ली में सोमवार को प्रदूषण का स्तर इस सीजन के सबसे खराब दिनों में से एक रहा. आसमान धुएं से ढका था, हवा भारी थी और शहर की सांसें थम-सी गई थीं. लेकिन इससे भी बड़ी परेशानी यह रही कि दोपहर 12:15 बजे के बाद CPCB के ‘समीर ऐप’ और वेबसाइट पर AQI अपडेट आना बंद हो गया. जब डेटा गायब हुआ, तब तक AQI 345 दर्ज किया गया था. शहरवासी पूरी दोपहर अंदाजों में ही हवा की जहरीली हालत नापते रहे.

तकनीकी गड़बड़ी से ठप हुआ मॉनिटरिंग सिस्टम

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने बताया कि यह रुकावट एक technical glitch की वजह से हुई है. बोर्ड ने आश्वासन दिया कि सिस्टम को जल्द से जल्द दुरुस्त कर लिया जाएगा और शाम तक डेटा दोबारा अपडेट होना शुरू हो जाएगा. हालांकि, दोपहर से रात तक दिल्लीवासी बिना आधिकारिक आंकड़ों के ही प्रदूषण झेलते रहे.

CAQM की आपात बैठक और निगरानी

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने तुरंत अपनी GRAP सब-कमेटी की बैठक बुलाई. अधिकारियों ने कहा कि वे हालात पर नज़दीकी नजर रखे हुए हैं और CPCB को समस्या जल्द हल करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि दैनिक बुलेटिन पर कोई असर नहीं पड़ेगा और वह सामान्य समय पर जारी किया जाएगा.

रविवार को दर्ज हुआ सीजन का सबसे खराब स्तर

इससे एक दिन पहले यानी रविवार सुबह 10 बजे दिल्ली का AQI 391 तक पहुंच गया था, जो इस सीजन का सबसे ऊंचा स्तर था. लगातार गिरती वायु गुणवत्ता ने राजधानी की सेहत पर खतरे की घंटी बजा दी है. अस्पतालों में सांस संबंधी मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है.

पहले भी हो चुकी हैं डेटा अपडेट की दिक्कतें

यह पहली बार नहीं है जब CPCB सिस्टम ठप पड़ा हो. 26 अक्टूबर को भी करीब 11 घंटे तक AQI डेटा अपडेट नहीं हुआ था. उस दिन शाम 4 बजे जारी होने वाला राष्ट्रीय बुलेटिन रात 10:45 बजे जारी किया गया. अगले दिन भी लगभग 12 घंटे तक डेटा गायब रहा. बाद में CPCB ने दावा किया कि समस्या को सुलझा लिया गया है.

GRAP स्टेज 3 लागू नहीं, हालात पर नजर

रविवार को CAQM ने दिल्ली-एनसीआर की स्थिति की समीक्षा करते हुए GRAP के तीसरे चरण को लागू न करने का निर्णय लिया था. आयोग ने बताया कि 24 घंटे के औसत में गिरावट दर्ज की गई है और अगले कुछ दिनों में “सीवियर” प्रदूषण का अनुमान नहीं है. फिलहाल GRAP के पहले और दूसरे चरण के निर्देश प्रभावी हैं.