दिल्ली में सोमवार को प्रदूषण का स्तर इस सीजन के सबसे खराब दिनों में से एक रहा. आसमान धुएं से ढका था, हवा भारी थी और शहर की सांसें थम-सी गई थीं. लेकिन इससे भी बड़ी परेशानी यह रही कि दोपहर 12:15 बजे के बाद CPCB के ‘समीर ऐप’ और वेबसाइट पर AQI अपडेट आना बंद हो गया. जब डेटा गायब हुआ, तब तक AQI 345 दर्ज किया गया था. शहरवासी पूरी दोपहर अंदाजों में ही हवा की जहरीली हालत नापते रहे.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने बताया कि यह रुकावट एक technical glitch की वजह से हुई है. बोर्ड ने आश्वासन दिया कि सिस्टम को जल्द से जल्द दुरुस्त कर लिया जाएगा और शाम तक डेटा दोबारा अपडेट होना शुरू हो जाएगा. हालांकि, दोपहर से रात तक दिल्लीवासी बिना आधिकारिक आंकड़ों के ही प्रदूषण झेलते रहे.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने तुरंत अपनी GRAP सब-कमेटी की बैठक बुलाई. अधिकारियों ने कहा कि वे हालात पर नज़दीकी नजर रखे हुए हैं और CPCB को समस्या जल्द हल करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि दैनिक बुलेटिन पर कोई असर नहीं पड़ेगा और वह सामान्य समय पर जारी किया जाएगा.
इससे एक दिन पहले यानी रविवार सुबह 10 बजे दिल्ली का AQI 391 तक पहुंच गया था, जो इस सीजन का सबसे ऊंचा स्तर था. लगातार गिरती वायु गुणवत्ता ने राजधानी की सेहत पर खतरे की घंटी बजा दी है. अस्पतालों में सांस संबंधी मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है.
यह पहली बार नहीं है जब CPCB सिस्टम ठप पड़ा हो. 26 अक्टूबर को भी करीब 11 घंटे तक AQI डेटा अपडेट नहीं हुआ था. उस दिन शाम 4 बजे जारी होने वाला राष्ट्रीय बुलेटिन रात 10:45 बजे जारी किया गया. अगले दिन भी लगभग 12 घंटे तक डेटा गायब रहा. बाद में CPCB ने दावा किया कि समस्या को सुलझा लिया गया है.
रविवार को CAQM ने दिल्ली-एनसीआर की स्थिति की समीक्षा करते हुए GRAP के तीसरे चरण को लागू न करने का निर्णय लिया था. आयोग ने बताया कि 24 घंटे के औसत में गिरावट दर्ज की गई है और अगले कुछ दिनों में “सीवियर” प्रदूषण का अनुमान नहीं है. फिलहाल GRAP के पहले और दूसरे चरण के निर्देश प्रभावी हैं.