Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद देश में हाई अलर्ट है. इसी बीच वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (एपी सिंह) ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. यह मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली, जिसमें सुरक्षा हालात और भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई.
नौसेना प्रमुख भी कर चुके हैं मुलाकात
इससे पहले शनिवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने पीएम मोदी से मुलाकात कर अरब सागर में समुद्री गतिविधियों और रणनीतिक स्थिति की जानकारी दी थी. दोनों बैठकों को मिलाकर यह स्पष्ट है कि सरकार किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क है.
सीसीएस मीटिंग में लिया गया बड़ा फैसला
बता दें कि हमले के ठीक एक दिन बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक बुलाई गई, जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की. इस मीटिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल रहे.
सेना को मिली पूरी छूट
वहीं घटना के बाद सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकी हमले के जिम्मेदारों और उनके मास्टरमाइंड को कड़ी सजा दी जाएगी. सेना को यह छूट दी गई है कि वे समय, स्थान और रणनीति खुद तय करके कार्रवाई करें.
विपक्ष भी सरकार के साथ
इसके अलावा, एक सर्वदलीय बैठक में सभी प्रमुख विपक्षी नेताओं ने इस आतंकी हमले की निंदा की और सरकार को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया. विपक्ष ने कहा कि देश की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में कोई राजनीति नहीं होगी.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस हमले का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में हाल ही में संपन्न शांतिपूर्ण चुनावों और विकास कार्यों को बाधित करना था. खुफिया रिपोर्टों से यह भी संकेत मिला है कि इस हमले में सीमा पार से संचालित आतंकियों की भूमिका थी.
सरकार का सख्त संदेश
बहरहाल, सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. यह पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश है कि सीमा पार आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.