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India Daily

कौन हैं दिल्ली के नये मुख्य सचिव आईएएस राजीव वर्मा, 1 अक्टूबर से संभालेंगे जिम्मेदारी

दिल्ली को नया मुख्य सचिव मिल गया है. 1992 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी राजीव वर्मा को केंद्र सरकार ने दिल्ली का मुख्य सचिव नियुक्त किया है. वे 1 अक्टूबर को पदभार संभालेंगे.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Rajeev Verma
Courtesy: social media

दिल्ली प्रशासन की बागडोर अब राजीव वर्मा के हाथों में होगी. आईआईटी से एमटेक डिग्रीधारी और तीन दशक के अनुभव वाले इस अधिकारी ने केंद्र और विभिन्न राज्यों में कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं.

उनके सामने दिल्ली जैसे बड़े और संवेदनशील शहर में प्रशासनिक कामकाज को संतुलित ढंग से आगे बढ़ाने की चुनौती होगी.

चंडीगढ़ और पुडुचेरी से दिल्ली तक का सफर

राजीव वर्मा इस समय चंडीगढ़ के मुख्य सचिव के पद पर थे. इससे पहले वे पुडुचेरी में भी मुख्य सचिव रह चुके हैं. दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में उन्होंने प्रशासनिक ढांचे को मजबूत बनाने के लिए काम किया. चंडीगढ़ में उनकी कार्यशैली को ‘व्यावहारिक और नियम आधारित’ माना गया. यही वजह है कि अब उन्हें दिल्ली जैसा बड़ा दायित्व सौंपा गया है.

दिल्ली से पुराना नाता

वर्मा का दिल्ली से जुड़ाव नया नहीं है. 2018 से 2022 तक वे दिल्ली सरकार में वित्त और राजस्व सचिव रहे. इसके अलावा उन्होंने परिवहन विभाग में भी अहम जिम्मेदारी निभाई. दिल्ली के कई विभागों में सचिव और अतिरिक्त सचिव स्तर पर काम कर चुके वर्मा प्रशासन की बारीकियों से भलीभांति वाकिफ हैं. यही अनुभव उनके लिए राजधानी में प्रशासन चलाने में मददगार साबित होगा.

केंद्र सरकार में भी निभाई बड़ी भूमिकाएं

राजीव वर्मा ने अपने करियर के दौरान केंद्र सरकार में भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं. रक्षा मंत्रालय, बिजली मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में उन्होंने सचिव और अन्य वरिष्ठ पदों पर काम किया. इन मंत्रालयों में काम करने का अनुभव उन्हें दिल्ली जैसे बहुआयामी चुनौतियों वाले शहर में निर्णय लेने में और अधिक सक्षम बनाएगा.

उम्मीदें और चुनौतियां

दिल्ली जैसे शहर में मुख्य सचिव का पद केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक समन्वय का भी केंद्र होता है. राजीव वर्मा से उम्मीद है कि वे अपनी व्यावहारिक सोच और नियम आधारित कार्यशैली से दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करेंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने उनके बारे में कहा, 'वे नियमों का पालन करते हैं, लेकिन व्यवहारिक दृष्टिकोण भी अपनाते हैं.' यही गुण उन्हें दिल्ली की जटिल प्रशासनिक परिस्थितियों में एक संतुलित चेहरा बना सकता है.