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दिल्ली में 10 साल बाद बदलेंगे सर्किल रेट, प्रॉपर्टी की कीमत में आएगा बदलाव; पढ़ें पूरी डिटेल

दिल्ली में 10 साल बाद सर्किल रेट बदलने की तैयारी है, क्योंकि 2014 से अब तक प्रॉपर्टी कीमतें कई गुना बढ़ चुकी हैं, खासकर लुटियंस’ और साउथ दिल्ली में. पुराने सर्किल रेट बाजार दरों से मेल नहीं खाते, जिससे पारदर्शिता घटती है और सरकार को राजस्व नुकसान होता है.

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Edited By: Princy Sharma
Delhi Circle Rate Revision India Daily
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: दिल्ली में करीब एक दशक बाद सर्किल रेट में बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जिससे राजधानी के रियल एस्टेट मार्केट पर भारी असर पड़ेगा. आखिरी बार सर्किल रेट 2014 में बदले गए थे लेकिन तब से लेकर अब तक दिल्ली की प्रॉपर्टी कीमतों में कई गुना वृद्धि हो चुकी है खासकर लुटियंस’ दिल्ली, साउथ दिल्ली के प्‍लॉटेड इलाकों और शहरीकरण वाले क्षेत्रों में. 

इसके बावजूद सरकारी दस्तावेजों में संपत्ति का आधिकारिक मूल्य यानी सर्किल रेट आज भी पुराने स्तर पर ही अटका हुआ है, जो बाजार दरों से बिल्कुल मेल नहीं खाता. सरकार अब इस अंतर को खत्म कर सर्किल रेट को वास्तविक बाजार कीमतों के करीब लाने की तैयारी में है. लंबे समय से संशोधन न होने के कारण बाजार मूल्य और नोटिफाइड दरों में इतना बड़ा अंतर पैदा हो गया है कि इससे न सिर्फ पारदर्शिता पर असर पड़ता है बल्कि सरकारी राजस्व को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है. 

सर्किल रेट की आठ कैटेगरी 

विशेषज्ञों का कहना है कि जहां संपत्ति की वास्तविक कीमत कई गुना ज्यादा होती है, वहीं रजिस्ट्री में उसे काफी कम दिखाया जाता है, जिससे स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की आय कम हो जाती है और लेन-देन में कैश भुगतान का चलन बढ़ जाता है. वर्तमान में दिल्ली में सर्किल रेट को आठ कैटेगरी (A से H) में बांटा गया है. 

कैटेगरी कैसें बांटी गई हैं?

कैटेगरी A में सर्किल रेट 7.74 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर तक है, जबकि कैटेगरी H में यह 23,280 रुपये प्रति वर्गमीटर है. लेकिन इन कैटेगरी में भी कई विसंगतियां हैं. उदाहरण के लिए गोल्फ लिंक और कालिंदी कॉलोनी दोनों कैटेगरी A में हैं, जबकि दोनों के बाजार मूल्य और सुविधाओं में जबरदस्त अंतर है. इसी कारण सरकार अब इस कैटेगरी सिस्टम को ज्यादा वैज्ञानिक और वास्तविक बनाने पर काम कर रही है.

‘A+ कैटेगरी' बनाने पर विचार

सूत्रों के अनुसार, सरकार लुटियंस’ दिल्ली जैसे अल्ट्रा-प्रिमियम इलाकों के लिए नई ‘A+ कैटेगरी’ बनाने पर विचार कर रही है, क्योंकि यहां की प्रॉपर्टी कीमतें दिल्ली के बाकी इलाकों से कई गुना अधिक हैं और मौजूदा कैटेगरी A इनकी असली वैल्यू को दर्शा नहीं पाती. इसके अलावा, दक्षिण दिल्ली के फार्महाउस भी इस बदलाव का बड़ा हिस्सा होंगे. 

फार्महाउस की कीमत

कई बार सैकड़ों करोड़ की कीमत वाले ये फार्महाउस शादी, पार्टियों और अन्य आयोजनों के लिए इस्तेमाल होते हैं, लेकिन इनका सर्किल रेट आज भी कृषि भूमि के आधार पर तय है, जो जमीन के असली बाजार मूल्य से बिल्कुल अलग है. नए प्रस्तावों में सुझाव दिया गया है कि फार्महाउस का मूल्यांकन लोकेशन और रियल मार्केट प्राइस के अनुसार किया जाए ताकि सिस्टम ज्यादा पारदर्शी और तार्किक बन सके.