भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार (31 मई) की दोपहर घोषणा की कि दिल्ली में उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर बढ़ रहे बादल छाने के कारण शाम को हल्की बारिश और बिजली चमकने की संभावना है. आईएमडी ने दोपहर 3:23 बजे एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि पूर्व से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रही एक ट्रफ के कारण अगले दो घंटों में राष्ट्रीय राजधानी के अधिकांश हिस्सों में छिटपुट बारिश और बिजली कड़कने की संभावना है. इसके साथ ही 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और कभी-कभी 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की भी उम्मीद है.
आईएमडी की पोस्ट में कहा गया, "उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर बढ़ रही बादलों/तूफान की एक श्रृंखला अगले 1-2 घंटों में दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में हल्की बारिश और बिजली ला सकती है. इसके साथ ही 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जो कभी-कभी 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं.
दिल्ली में मई ने किया मौसम का उलटफेर!
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली ने इस साल मई में बिना किसी गर्मी की लहर के सबसे अधिक बारिश दर्ज की. 1 मई से 30 मई के बीच राष्ट्रीय राजधानी में 188.9 मिमी बारिश दर्ज की गई. जबकि, इस महीने में कई बार गरज-चमक के साथ तूफान और तेज हवाएं चलीं, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक गंभीर तूफान भी शामिल था.
मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगले चार से पांच दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में भारी तूफान और तेज हवाएं चलेंगी, क्योंकि सालाना दक्षिण-पश्चिम मानसून देश के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ रहा है. ऐसे में यह स्थिति पश्चिमी राजस्थान और मध्य उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में मौजूद ऊपरी वायु चक्रवाती परिसंचरण के कारण है.
अरुणाचल में बाढ़ और भूस्खलन से हादसा
बता दें कि, अरुणाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों की भारी बारिश के बाद बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि शुक्रवार देर रात पूर्वी कामेंग जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 13 के बाना-सेप्पा खंड पर भूस्खलन के कारण दो परिवारों के सात सदस्यों की जान चली गई.
हालांकि, इस मामले में पूर्वी कामेंग के एसपी कामदम सिकोम ने बताया, "वाहन बिचोम जिले के बाना से सेप्पा जा रहा था, तभी भारी बारिश से शुरू हुए भूस्खलन ने इसे गहरी खाई में धकेल दिया." उन्होंने कहा, "सभी पीड़ित बाना के किचांग गांव के निवासी थे.