Delhi GST Investigation: दिल्ली राज्य वस्तु एवं सेवा कर (GST) विभाग ने ₹14 करोड़ के बड़े जीएसटी रिफंड घोटाले का भंडाफोड़ किया है. विभाग ने चार फर्जी कंपनियों के माध्यम से किए गए इस धोखाधड़ी को उजागर किया है, जिनका गठन सिर्फ अवैध टैक्स रिफंड हासिल करने के मकसद से किया गया था. विभाग की ओर से 15 जून को जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि अब तक ₹1.16 करोड़ की रिकवरी की जा चुकी है और एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है.
विभाग की यह पहली ऐसी बड़ी कार्रवाई है जिसमें उन्नत *बिग डेटा एनालिटिक्स* और विस्तृत चेन विश्लेषण का इस्तेमाल किया गया. बैंकिंग ट्रांजैक्शन्स की गहन जांच से पता चला कि इस फर्जीवाड़े में कई स्थानों का नेटवर्क जुड़ा है, जिनमें दिल्ली के अलावा भारत के अन्य राज्य और विदेशों में हांगकांग और सिंगापुर जैसे देश भी शामिल हैं.
जांच में सामने आया कि इन फर्जी इकाइयों में एक जैसे PAN नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया गया, जिससे साफ है कि यह एक सुनियोजित और संगठित फर्जीवाड़ा था. दिल्ली की इन कंपनियों का पंजीकरण निलंबित कर दिया गया है और अन्य राज्यों की एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है.
विभाग ने आयकर विभाग के सहयोग से संदिग्ध पैन नंबरों को ब्लॉक करने की सिफारिश की है. अब तक 27 इकाइयों से जुड़े 45 बैंक खातों को सीज़ किया जा चुका है ताकि किसी भी प्रकार की धनराशि ट्रांसफर न हो सके. आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में इस मामले में FIR भी दर्ज की गई है.
गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान हरिश चंदर के बेटे बंटी के रूप में हुई है, जो एक लाभार्थी फर्म का मालिक है. उसे मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया जहां से उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
दिल्ली GST विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'यह कार्रवाई विभाग की टैक्स धोखाधड़ी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है.' उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टैक्स चोरी करने वालों को कानून के दायरे में लाकर सख्त सजा दी जाएगी.