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India Daily

कौन हैं 'गॉडमैन' चैतन्यानंद सरस्वती, जिन पर लगा 17 लड़कियों से 'घिनौनी हरकत' का आरोप, यहां जानें पूरी कुंडली

दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट संस्थान के निदेशक रहे स्वयंभू 'गॉडमैन' चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी पर छात्राओं से छेड़छाड़, अभद्र भाषा, अश्लील मैसेज और शारीरिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Chaitanyananda Saraswati and his luxury car
Courtesy: social media
Chaitanyananda News: धर्म का चोला ओढ़कर समाज में ऊंचा स्थान पाने वाले चैतन्यानंद सरस्वती का असली चेहरा तब सामने आया जब छात्राओं ने हिम्मत कर उसके खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई. एक समय तक खुद को ‘गॉडमैन’ कहकर प्रचारित करने वाला यह शख्स अब दिल्ली पुलिस के लिए वांछित अपराधी है. 

उसकी करतूतों ने न केवल छात्राओं की जिंदगी प्रभावित की बल्कि समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर नकली आस्था की आड़ में कितनी गंदगी छुपी हुई है.

कैसे शुरू हुआ पूरा मामला?

4 अगस्त को वसंत कुंज नॉर्थ थाने में एक एडमिनिस्ट्रेटर की शिकायत के बाद चैतन्यानंद के खिलाफ पहला केस दर्ज हुआ. आरोप था कि EWS स्कॉलरशिप पर PGDM कोर्स कर रही छात्राओं के साथ उसने बार-बार अश्लील हरकतें कीं. पुलिस ने जांच शुरू की तो सामने आया कि कई छात्राएं रोजाना उसके व्यवहार से त्रस्त थीं. उसने उन्हें अश्लील मैसेज भेजे, अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और शारीरिक संपर्क बनाने की कोशिश की.

संस्थान के भीतर से भी मिली 'मदद'

पीड़िताओं के बयानों ने मामले को और गंभीर बना दिया. कई छात्राओं ने कहा कि संस्थान की महिला फैकल्टी और एडमिनिस्ट्रेटर भी उन पर दबाव डालती थीं कि वे स्वामी की 'मांगों' को मानें. यह खुलासा संस्थान की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है और इस बात की ओर इशारा करता है कि आरोपी को भीतर से संरक्षण मिल रहा था.

पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई

डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि अब तक 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 17 ने प्रत्यक्ष रूप से शोषण के आरोप लगाए हैं. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ BNS की धारा 75(2) (यौन उत्पीड़न), 79 (महिला की गरिमा को ठेस) और 351(2) के तहत मामला दर्ज किया है. पटियाला हाउस कोर्ट में 16 पीड़िताओं के बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने भी दर्ज कराए गए. सीसीटीवी फुटेज और संस्थान से जब्त हार्ड डिस्क फॉरेंसिक जांच के लिए भेजी गई है.

फर्जी डिप्लोमैटिक कार और फरारी

जांच के दौरान पुलिस ने संस्थान के बेसमेंट से एक लाल वोल्वो कार बरामद की, जिस पर 31 UN की फर्जी डिप्लोमैटिक प्लेट लगी थी. यह कार चैतन्यानंद ही इस्तेमाल करता था. अधिकारियों का कहना है कि उसका आखिरी ठिकाना आगरा में था, लेकिन दिल्ली और उत्तर प्रदेश में की गई छापेमारी के बावजूद वह अब तक गिरफ्त से बाहर है. पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही है.