Delhi Cyber Crime: दिल्ली में एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पूर्व संविदा शिक्षिका ने अपनी ही सहकर्मी को बदनाम करने के लिए ऐसा षड्यंत्र रचा, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया. 22 वर्षीय इस महिला ने जलन और ईर्ष्या के चलते न केवल अपनी 25 वर्षीय सहकर्मी की फर्जी अश्लील तस्वीरें बनाई, बल्कि उसे सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया.
महिला पर आरोप है कि उसने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI की मदद से सहकर्मी की मॉर्फ्ड बदली गई तस्वीरें और वीडियो तैयार किए और फिर उन्हें कई फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए अपलोड किया. इन फर्जी प्रोफाइल्स से वह पीड़िता के छात्रों और जानने वालों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज रही थी, जिससे उसकी प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा.
पीड़िता ने जब यह सब देखा, तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर जांच शुरू की. जांच के दौरान जब तकनीकी सबूत जुटाए गए , तो आईपी एड्रेस , मोबाइल नंबर और ईमेल के जरिए आरोपी महिला तक पहुंचा गया. पुलिस ने बताया कि यह महिला पहले एक सरकारी स्कूल में संविदा पर पढ़ा चुकी है और अब ट्यूशन पढ़ाती है.
हैरानी की बात यह रही कि आरोपी ने खुद को भी सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट्स की शिकार बताकर जांच को गुमराह करने की कोशिश की. लेकिन जब पुलिस ने उसके मोबाइल और अन्य डिजिटल सबूत खंगाले, तो सच्चाई सामने आ गई कि वही इस पूरी साजिश की मास्टरमाइंड है.
पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि वह स्कूल के एक प्रिंसिपल से आकर्षित थी. उसने कई बार उनका ध्यान खींचने की कोशिश की कभी खुद को कैंसर पेशेंट बताया, तो कभी अपनी ही मौत की झूठी खबर फैलाई. जब ये सब कोशिशें नाकाम रहीं, तो उसने उस सहकर्मी को निशाना बनाया, जिसे वह प्रिंसिपल के करीब समझती थी.
इतना ही नहीं, आरोपी ने तंत्र-मंत्र का भी सहारा लिया. पुलिस को उसके पास से अजीब तरह के तांत्रिक चिह्नों वाली तीन चिट्ठियां और प्रिंसिपल की तस्वीर मिली हैं. वह मानती थी कि इससे वह अपने मकसद में सफल हो जाएगी. फिलहाल पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है और उसका मोबाइल, सिम कार्ड और आपत्तिजनक सामग्री जब्त कर ली गई है.
भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि तकनीक का गलत इस्तेमाल किस हद तक किसी की जिंदगी को तबाह कर सकता है. साथ ही यह मामला दर्शाता है कि व्यक्तिगत ईर्ष्या और मानसिक अस्थिरता कैसे सामाजिक अपराधों का रूप ले सकती है.