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'प्राइवेट स्कूलों में फीस वृद्धि की मनमानी पर लगेगी रोक,' दिल्ली सररकार ने पास किया ये बिल

दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. ऐसे में रेखा सरकार अब अध्यादेश के ज़रिये प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ाने पर रोक लगाएगी. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस बिल को पास कर दिया गया है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Delhi CM Rekha Gupta
Courtesy: X@CMODelhi

दिल्ली सरकार ने अभिभावकों को बड़ी राहत देते हुए प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने का फैसला किया है. मंगलवार, 10 जून 2025 को आयोजित कैबिनेट बैठक में सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से फीस बढ़ोतरी रोकने वाला विधेयक पारित किया. यह नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा, जिससे दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता को आर्थिक बोझ से निजात मिलेगी.

कैबिनेट की बैठक में लिया गया निर्णय

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की आठवीं बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद ने बताया, "सरकार अध्यादेश के ज़रिये प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को रोकने के लिए बिल लागू करेगी." इस बैठक में दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 को मंजूरी दी गई. अब यह विधेयक उपराज्यपाल (एलजी) और फिर राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. मंजूरी मिलने के बाद यह कानून लागू हो जाएगा, जो प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाएगा और अभिभावकों को राहत प्रदान करेगा.

फीस वृद्धि का बोझ

हर साल अप्रैल में प्राइवेट स्कूल 10% से 40% तक फीस बढ़ा देते हैं, जिससे अभिभावकों पर भारी आर्थिक दबाव पड़ता है. हाल ही में LocalCircles द्वारा किए गए एक सर्वे में देशभर के 300 जिलों के 31,000 अभिभावकों से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. सर्वे में 44% अभिभावकों ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में स्कूल फीस में 50% से 80% की वृद्धि हुई, जबकि 8% ने कहा कि उनके बच्चों की फीस में 80% या उससे अधिक का इजाफा हुआ. सर्वे में 93% लोगों ने माना कि सरकार इस मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठा रही, जिससे स्कूलों को मनमानी की खुली छूट मिल रही है.

अभिभावकों की मजबूरी

स्कूलों के पास अत्यधिक अधिकार हैं, जबकि अभिभावकों के पास विकल्प सीमित हैं. फीस वृद्धि की मांगों को समझना मुश्किल होता है, और सवाल उठाने पर बच्चों को निशाना बनाया जाता है. दिल्ली सरकार का यह कदम अभिभावकों के लिए उम्मीद की किरण है, जो शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा.