Delhi Yamuna River: दिल्ली की यमुना नदी को दो साल में साफ और स्वच्छ बनाने का सपना अब हकीकत बन सकता है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक विशाल 45-सूत्रीय कार्य योजना को हरी झंडी दे दी है, जिसमें यमुना के पानी को साफ करने और उसमें गिरने वाले गंदे नालों को रोकने के लिए कई विभाग मिलकर काम करेंगे.
इस योजना में कई विभाग जैसे की दिल्ली जल बोर्ड (DJB), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC), दिल्ली नगर निगम (MCD), सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) शामिल हैं.
इस योजना में दिल्ली जल बोर्ड (DJB), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC), दिल्ली नगर निगम (MCD), सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) जैसे प्रमुख विभाग शामिल हैं. इस योजना में 10 अहम कामों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें तय समयसीमा के अंदर पूरा करना अनिवार्य होगा. इन कामों में खासतौर पर शामिल हैं:
हाल ही में आई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि यमुना में जितना भी प्रदूषण है, उसमें 76% हिस्सा केवल दिल्ली से आता है, जबकि यमुना का केवल 2% हिस्सा ही दिल्ली में बहता है. यानी छोटी सी दूरी में बहुत बड़ी बर्बादी हो रही है.
योजना के तहत तीन बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) ओखला, यमुना विहार और कोरोनेशन पिलर को अपग्रेड किया जाएगा. ओखला एसटीपी को एशिया का सबसे बड़ा शोधन संयंत्र बताया गया है. इन प्लांट्स में गंदे पानी को साफ कर वापस यमुना में छोड़ा जाएगा, ताकि नदी का बहाव बना रहे और उसका जीवन चक्र फिर से जिंदा हो.
सरकार ने साफ कर दिया है कि इस पूरे एक्शन प्लान को सितंबर 2026 तक पूरा किया जाएगा. सभी संबंधित विभागों को उनके काम की जिम्मेदारी दे दी गई है. जल और सीवरेज सेक्टर को नई सरकार के पहले बजट 9,000 रुपये करोड़ रुपये का सबसे बड़ा आवंटन दिया गया है.