नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में शुक्रवार शाम एक बड़ा हादसा हुआ जब लाल किले के पास खड़ी एक कार में जोरदार धमाका हुआ. अधिकारियों के अनुसार, इस विस्फोट में कम से कम 8 लोगों की मौत और 24 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
धमाका इतना तेज था कि इसके आसपास खड़ी करीब 20 गाड़ियां आग की चपेट में आकर जल गईं. मौके पर दमकल की कई गाड़ियां पहुंचीं और आग पर काबू पाया गया. इस हादसे ने दिल्ली में पिछले दो दशकों में हुए कई बड़े धमाकों की भयावह यादें ताज़ा कर दीं.
दिल्ली हमेशा से देश का एक व्यस्त और संवेदनशील इलाका रहा है. यहां पहले भी कई आतंकी हमले और बम विस्फोट हो चुके हैं जिन्होंने शहर को झकझोर कर रख दिया था. आइए, नजर डालते हैं पिछले वर्षों में दिल्ली में हुए कुछ प्रमुख धमाकों पर:
- 9 जनवरी 1997: आईटीओ स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर बम विस्फोट में 50 लोग घायल हुए.
- 1 अक्टूबर 1997: सदर बाजार में एक जुलूस के पास दो धमाके हुए, जिनमें 30 लोग घायल हुए.
- 10 अक्टूबर 1997: शांतिवन, कौड़िया पुल और किंग्सवे कैंप में हुए तीन धमाकों में 1 व्यक्ति की मौत और 16 घायल.
- 18 अक्टूबर 1997: रानी बाग बाजार में हुए दोहरे विस्फोट में 1 की मौत और 23 घायल.
- 26 अक्टूबर 1997: करोल बाग बाजार में हुए धमाकों में 1 की मौत और 34 घायल.
- 30 नवंबर 1997: लाल किले के पास हुए धमाकों में 3 लोग मारे गए और 70 घायल.
- 30 दिसंबर 1997: पंजाबी बाग में बस में बम विस्फोट से 4 यात्रियों की मौत और 30 घायल.
- 26 जुलाई 1998: कश्मीरी गेट ISBT पर बस में विस्फोट, 2 मौतें और 3 घायल.
- 18 जून 2000: लाल किला क्षेत्र में दो धमाके, जिनमें एक बच्ची समेत दो लोगों की मौत और कई घायल हुए.
- 22 मई 2005: दिल्ली के सिनेमाघरों में धमाके, 1 मौत और 60 घायल.
- 29 अक्टूबर 2005: सरोजिनी नगर, पहाड़गंज और गोविंदपुरी में सिलसिलेवार धमाके, 59 मौतें और 100 से ज्यादा घायल.
- 14 अप्रैल 2006: जामा मस्जिद परिसर में हुए दो विस्फोटों में 14 घायल.
- 13 सितंबर 2008: कनॉट प्लेस, करोल बाग और ग्रेटर कैलाश में 45 मिनट के भीतर 5 धमाके, 25 लोगों की मौत और 100 घायल.
- 27 सितंबर 2008: महरौली फूल बाजार में धमाका, 3 मौतें और 21 घायल.
- 25 मई 2011: दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर छोटा धमाका, कोई हताहत नहीं.