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India Daily

दिल्ली ब्लास्ट से चंद हफ्ते पहले आरोपी डॉक्टर ने मांगी थी एडवांस सैलरी, चैट्स में हुआ बड़ा खुलासा

दिल्ली ब्लास्ट से हफ्तों पहले आरोपी डॉक्टर अदील राथर बार-बार एडवांस सैलरी मांगता रहा. जांच में शक है कि यही रकम हमले में खर्च हुई. एनआईए चार सफेदपोश आरोपियों के नेटवर्क की परतें खोल रही है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Accused doctor india daily
Courtesy: social media

नई दिल्ली: दिल्ली के लालकिले के पास हुए कार ब्लास्ट मामले में एक नया चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जांच एजेंसियों को पता चला है कि हमले से कुछ सप्ताह पहले मुख्य आरोपी डॉक्टर अदील अहमद राथर लगातार अपनी सैलरी का एडवांस मांग रहा था.

व्हाट्सऐप चैट्स से मिले यह संदेश बताते हैं कि वह बेहद जल्दी में पैसे चाहता था. अधिकारियों को अब शक है कि उसने वही रकम धमाके की फंडिंग में इस्तेमाल की. यह पूरा मामला एक संगठित ‘व्हाइट-कॉलर टेरर नेटवर्क’ की ओर इशारा करता है.

व्हाट्सऐप चैट्स ने खोला राज

जांच टीम को अदील के मोबाइल से डिलीट किए गए संदेश मिले, जिनमें वह 5 से 9 सितंबर के बीच बार-बार एडवांस सैलरी की गुहार लगाता दिखा. संदेशों में वह 'डायर नीड ऑफ मनी' बताते हुए तुरंत खाते में पैसा डालने की मांग करता रहा. इन चैट्स ने जांचकर्ताओं की आशंका मजबूत कर दी कि वही रकम हमले की तैयारी में खर्च की गई थी. अदील ने कथित तौर पर कुल 26 लाख में से 8 लाख की फंडिंग की थी.

‘खजांची’ की भूमिका में था डॉक्टर अदील

एनआईए की पूछताछ में सह-आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल शकील ने खुलासा किया कि समूह में अदील को ‘ट्रेजरर’ कहा जाता था. वो ही पैसों के लेन-देन और खरीदारी की जिम्मेदारी संभालता था. मुजम्मिल को फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय से गिरफ्तार किया गया, जहां हाल में बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए थे। इन खुलासों के बाद एजेंसियों को पूरा नेटवर्क और संगठित नजर आने लगा है.

चार सफेदपोश आरोपी और बड़ा नेटवर्क

एनआईए ने अब तक चार मुख्य आरोपियों की पहचान की है- डॉ. मुजम्मिल शकील गनाई, डॉ. अदील अहमद राथर, डॉ. शहीन सईद और मुफ्ती इरफान वागे. सभी पढ़े-लिखे और पेशेवर पृष्ठभूमि से जुड़े हैं, इसलिए एजेंसियों ने इन्हें ‘व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल’ बताया है. अधिकारियों का मानना है कि समूह पूरी योजना को बेहद संगठित रूप से चला रहा था और दिल्ली ब्लास्ट उसी मिशन का हिस्सा था.

ब्लास्ट और उसके बाद की बड़ी बरामदगी

लालकिले के पास एक आई20 कार में भारी मात्रा में आईईडी भरकर किया गया धमाका बेहद भयावह साबित हुआ, जिसमें 14 लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए. इसी घटना के कुछ घंटे पहले अल-फलाह विश्वविद्यालय से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए थे. इन दोनों घटनाओं को जोड़ने पर पुलिस को एक बड़े मल्टी-स्टेट नेटवर्क का सुराग मिला, जिसने कई राज्यों में रेंटेड मकानों में हथियार और सामग्री छिपाकर रखी थी.

मेडिकल रजिस्ट्रेशन रद्द, जांच जारी

अदील के खुलासों के बाद एनआईए ने जम्मू-कश्मीर और यूपी में कई ठिकानों पर छापे मारे, जहां से एके-56 राइफल, कारतूस और विस्फोटक का सामान मिला. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने अदील समेत चारों डॉक्टरों का मेडिकल रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. अदील फिलहाल एनआईए की कस्टडी में है और एजेंसी पूरे नेटवर्क के प्रत्येक सदस्य की तलाश में लगातार कार्रवाई कर रही है.