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दिवाली से पहले 'खराब' हुई दिल्ली की हवा, एनसीआर में बिछी जहरीली धुंध की चादर, जानें कितना खतरनाक है ये

Delhi Air Pollution: दिल्ली का प्रदूषण आमतौर पर त्योहारों के मौसम में चरम पर होता है, जिसका कारण पटाखों का उत्सर्जन, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना और स्थिर मौसम की स्थिति है.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Delhi Air Pollution
Courtesy: Gemini AI

Delhi Air Pollution: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को भी वायु गुणवत्ता में गिरावट जारी रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 268 तक पहुंच गया. यह लगातार पांचवां दिन है जब दिल्ली की हवा 'खराब' श्रेणी में बनी हुई है. पिछले हफ़्ते शहर के AQI में लगातार गिरावट देखी गई है, मंगलवार को 211 से शुक्रवार को 254 तक और शनिवार को 268 पर पहुंच गया. शादीपुर समेत शहर के कई हिस्सों में धुंध की एक परत दिखाई दे रही थी, जिससे सुबह के समय विजिबिलिटी भी प्रभावित हुई.

एनसीआर के शहरों में, गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सबसे खराब रही, जहां एक्यूआई 324 रहा, जिससे यह लगातार तीसरे दिन 'बेहद खराब' श्रेणी में रहा. सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को इसका एक्यूआई 307 और शुक्रवार को 306 रहा. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि दिवाली के त्योहार के नज़दीक आते-आते वायु गुणवत्ता और बिगड़ सकती है. AQEWS का अनुमान है कि रविवार तक वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में रहेगी और अगर पटाखों से उत्सर्जन बढ़ता है तो सोमवार को यह 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुँच सकती है.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, शनिवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 33.5°C और न्यूनतम तापमान 19.6°C दर्ज किया गया. मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक रविवार को सुबह के समय राजधानी के कई हिस्सों में धुंध या हल्का कोहरा छाया रहेगा, जिससे दृश्यता और कम हो सकती है और हवा में स्थिरता बनी रह सकती है. अक्टूबर की शुरुआत से ही दिल्ली के वायु प्रदूषण के स्तर में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. 

सीपीसीबी वायु गुणवत्ता को छह श्रेणियों में वर्गीकृत करता है

  1. अच्छा (0-50) 
  2. संतोषजनक' (51-100)
  3. मध्यम (101-200)
  4. खराब (201-300)
  5. बहुत खराब (301-400) 
  6. गंभीर (401-500)

गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं हवाओं में घुले सूक्षम कण

वर्तमान में, PM2.5 और PM10 दोनों ही प्रमुख प्रदूषक बने हुए हैं. ये सूक्ष्म कण गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए. विशेषज्ञ उच्च प्रदूषण के दौरान बाहरी गतिविधियों को सीमित करने और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह देते हैं. दिल्ली का प्रदूषण आमतौर पर त्योहारों के मौसम में चरम पर होता है, जिसका कारण पटाखों का उत्सर्जन, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना और स्थिर मौसम की स्थिति है. अधिकारियों ने निवासियों को वायु गुणवत्ता संबंधी सलाह का पालन करने और खुले में जलाने या अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है ताकि संक्रमण से बचा जा सके.